prices-of-petrol-and-diesel-reduced-by-five-rupees-in-meghalaya
prices-of-petrol-and-diesel-reduced-by-five-rupees-in-meghalaya

मेघालय में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में पांच रुपये की कमी

शिलांग, 16 फरवरी (हि.स.)। मेघालय सरकार ने मंगलवार को वैट कम करके पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में पांच रुपये से अधिक की गिरावट की। मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने बताया कि वाणिज्यिक ट्रांसपोर्टरों के दूसरे दिन की हड़ताल के बीच यह फैसला मंगलवार को लिया गया। मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि पेट्रोल की नई खुदरा कीमत वर्तमान कीमत 91.26 रुपये से घटकर 85.86 रुपये होगी, जबकि राज्य की राजधानी में डीजल की नई खुदरा कीमत अपनी वर्तमान दर 86.23 रुपये से घटकर 79.13 रुपये होगी। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में अपने कैबिनेट सहयोगियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह से लेकर आज तक दो बार दोनों पदार्थों की कीमतों में कमी की है। इस तरह पेट्रोल की कीमत में 7.4 रुपये और डीजल के लिए 7.1 रुपये की कटौती हुई है। पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में कमी राज्य सरकारों द्वारा पेट्रोल पर वैट को 31.62 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत प्रति लीटर यानी 15 रुपये प्रति लीटर (जो भी अधिक हो) करने के फैसले का परिणाम है। वहीं डीजल पर वैट 22.95 फीसदी से घटकर 12 फीसदी यानी नौ रुपए प्रति लीटर (जो भी अधिक हो) पर आ गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नया टैरिफ पड़ोसी राज्य असम के साथ दोनों वस्तुओं का प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करेगा, जिसने पिछले सप्ताह पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में पांच रुपये की कमी की थी। माना जा रहा है कि सरकार के इस निर्णय से पिछले दो दिनों से आंदोलन कर रहे वाणिज्यिक ट्रांसपोर्टर अपना प्रदर्शन समाप्त कर देंगे। ट्रांसपोर्टरों ने सरकार की ओर से इस संबंध में कार्रवाई नहीं करने पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। राज्य सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष में पेट्रोल और डीजल पर करों से राजस्व के रूप में 326 करोड़ रुपये एकत्र किए थे। कॉनराड संगमा ने कहा कि सरकार ने इस साल जनवरी तक पेट्रोल और डीजल पर करों के माध्यम से 451 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। इस बीच, राज्य सरकार ने पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को 74 करोड़ रुपये से अधिक के बिजली बकाया का भुगतान करने का आश्वासन दिया है, जिसके बाद बिजली कंपनी ने राज्य को तत्काल प्रभाव से बिजली आपूर्ति को लेकर उठाये गये कदम तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आश्वासन दिया है। राज्य सरकार द्वारा पीजीसीआईएल को 74.65 करोड़ रुपये के लंबित बकाए का भुगतान करने में विफल रहने के बाद 70 मेगावाट के बिजली विनियमन, यानी राज्य भर में सात घंटे की बिजली कटौती का कदम कंपनी ने पिछले रविवार से शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अन्य कई बातों की जानकारी साझा की। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in