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चुनावी राज्यों में सुरक्षा बलों की पूर्व तैनाती सामान्य प्रक्रिया : चुनाव आयोग

- अग्रिम तैनाती केवल बंगाल तक सीमित नहीं, सभी चुनावी राज्यों के लिए 16 फरवरी को दिए गए थे आदेश नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। चुनाव आयोग ने सोमवार को स्पष्ट किया है कि केंद्रीय पुलिस बलों को नियमित रूप से उन सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में भेजा जाता है जहां लोकसभा या विधानसभा चुनाव होने होते हैं। आयोग का यह स्पष्टीकरण उन खबरों पर आया है जिसमें केंद्रीय पुलिस बलों को विशेष रूप से पश्चिम बंगाल भेजे जाने की की बात कही गई थी। आयोग के अनुसार 1980 के दशक के बाद से विशेष रूप से महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्रों में पहले से स्थिति मजबूत बनाने के लिए यह प्रक्रिया चल रही है। इन क्षेत्रों की पहचान राजनीतिक दलों और संस्थाओं सहित विभिन्न स्रोतों से सावधानीपूर्वक अग्रिम समीक्षा और ठोस जानकारी पर केस आधार पर की जाती है। आयोग के अनुसार लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी केंद्रीय बलों को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में भेजा गया था और सभी राज्यों के चुनावों में यही किया जाता रहा है। वर्तमान में चारों राज्यों असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेश में सीपीएफ भेजे गए हैं जहां विधानसभा चुनाव होने हैं। 16 फरवरी को ही सभी चुनावी राज्यों के लिए सीपीएफ की तैनाती के आदेश जारी किए गए थे। उल्लेखनीय है कि मीडिया में खबरें थीं कि 25 फरवरी तक केंद्रीय सुरक्षा बलों की कम से कम 125 कंपनियां पश्चिम बंगाल में तैनात की जाएगी। यह भी कहा जा रहा था कि ऐसा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चुनाव प्रचार के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया है जिसे चुनाव आयोग ने आज सामान्य प्रक्रिया बताया है। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/सुनीत

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