बड़े पैमाने पर हो रहा है खरीफ मौसम-2020 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों का नामांकन
बड़े पैमाने पर हो रहा है खरीफ मौसम-2020 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों का नामांकन

बड़े पैमाने पर हो रहा है खरीफ मौसम-2020 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों का नामांकन

- तोमर ने किसानों से फसलों का बीमा कराने की अपील की नई दिल्ली, 17 जुलाई (हि.स.)। देश के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में खरीफ-2020 सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत किसानों का नामांकन बड़े पैमाने पर हो रहा है। भारत सरकार ने उन सभी किसानों के लिए नामांकन निःशुल्क कर दिया है जिन्हें केवल प्रीमियम राशि का भुगतान करने की आवश्यकता है। किसान खरीफ-2020 सीजन के लिए अपनी खाद्य फसलों (अनाज और तिलहन) का महज 2 प्रतिशत की बीमित राशि पर तथा वाणिज्यिक और बागवानी फसलों का न्यूनतम 5 प्रतिशत की बीमित राशि पर बीमा करा सकते हैं। बाकी की प्रीमियम राशि पर केंद्र सरकार और राज्यों द्वारा सब्सिडी दी जाएगी। कुछ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में खरीफ 2020 मौसम में फसल बीमा कराने की अंतिम 31 जुलाई 2020 तक समाप्त हो सकती है। किसानों को प्रेात्साहित करने के लिए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उनसे वीडियो संदेश के माध्यम से पीएमएफबीवाई के तहत नामांकन कराने की अपील करते हुए प्राकृतिक आपदाओं के परिणामस्वरूप फसल की क्षति से होने वाले वित्तीय नुकसान से खुद को बचाने का अनुरोध किया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फसल की बुआई से लेकर कटाई के बाद तक की पूरे फसल चक्र से जुड़ी गतिविधियों के दौरान फसल के नुकसान के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करती है। किसानों को किसी भी अप्रत्याशित आपदा के कारण बुवाई मे आने वाली परेशानी से बचाव के लिए जल्द से जल्द योजना में नामांकन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के तहत, सूखा, बाढ़, भूस्खलन, बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, प्राकृतिक आग और खड़ी फसल के लिए चक्रवात के साथ-साथ ओलावृष्टि से बचाव के लिए व्यापक जोखिम कवर की व्यवस्था है। फरवरी 2020 में, भारत सरकार ने फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन में कुछ पिछली चुनौतियों से निपटने के लिए पीएमएफबीवाई के पुन: निर्धारण को मंजूरी दे दी। सरकार ने योजना को सभी किसानों के लिए खरीफ सीजन-2020 से स्वैच्छिक कर दिया है। इससे पहले, सभी ऋणदाता किसानों के लिए यह योजना अनिवार्य थी। अब, ऋण बकाया वाले किसान नामांकन की कट-ऑफ तारीख से सात दिन पहले अपनी बैंक शाखा को एक साधारण घोषणा पत्र देकर योजना से खुद को अलग कर सकते हैं। जो भी किसान जो पीएमएफबीवाई के तहत नामांकान करना चाहता है, उसे अपने नजदीकी बैंक, प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) , ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई), कृषि विभाग के कार्यालय, बीमा कंपनी के प्रतिनिधि या सीधे राष्ट्रीय फसल योजना एनसीआईपी के पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन संपर्क करना चाहिए। नामांकन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किसानों को आधार संख्या, बैंक पासबुक, भूमि रिकॉर्ड , किरायेदारी समझौते, और स्व-घोषणा प्रमाण पत्र ले जाना होगा। इस सीजन में, योजना के तहत नामांकित सभी किसानों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर नियमित एसएमएस के माध्यम से उनके आवेदन की स्थिति के बारे में सूचित किया जाएगा। किसानों के लिए परेशानी मुक्त नामांकन सुनिश्चित करने के लिए, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने बैंकों, बीमा कंपनियों, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएसी), राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) और ग्राम स्तरीय 29,275 अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। इसके अलावा, बीमा कंपनियों ने विभिन्न हितधारकों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया है। मंत्रालय का लक्ष्य किसान कॉल सेंटर के 600 अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करना भी है। हिन्दुस्थान समाचार/अजीत/बच्चन-hindusthansamachar.in

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