प्रधान ने अमेरिकी निवेशकों को भारत की विकास यात्रा के लिए किया आमंत्रित
प्रधान ने अमेरिकी निवेशकों को भारत की विकास यात्रा के लिए किया आमंत्रित

प्रधान ने अमेरिकी निवेशकों को भारत की विकास यात्रा के लिए किया आमंत्रित

नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.)। भारत और अमेरिकी रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी की 17 जुलाई, 2020 को होने वाली दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक के संदर्भ में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अमेरिकी ऊर्जा सचिव डैन ब्राउलिट्ट के साथ उद्योग-स्तरीय बातचीत की सह-अध्यक्षता की। इसका आयोजन अमेरिका–भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने किया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अमेरिकी-भारत रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा आयोजित एक उद्योग-स्तरीय बातचीत की अलग से अध्यक्षता की थी। इस वर्चुअल बैठक में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस (पीएनजी) मंत्रालय के सचिव तरुण कपूर, अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत संधु, भारत तथा अमेरिकी सरकार में ऊर्जा से संबंधित विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि और भारतीय तथा अमेरिकी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। प्रधान ने इस वर्चुअल बैठक में प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के दौरान अमेरिकी कंपनियों और निवेशकों को भारत में उभरते नए अवसरों के साथ जुड़ने और निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के बीच पहले कुछ सहयोगात्मक प्रयास हुए हैं, लेकिन येप्रयास उनकी क्षमता से काफी कम हैं। उन्होंने बातचीत में अमेरिका-भारत ऊर्जा साझेदारी में मौजूद लचीलेपन के गुण पर जोर दिया और इसे ऐसे सबसे टिकाऊ स्तंभों में से एक के रूप में माना, जिस पर भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी टिकी हुई है। प्रधान ने कहा कि इन चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भी भारत और अमेरिका करीबी सहयोग के साथ काम कर रहे हैं,चाहे वह वैश्विक ऊर्जा बाजारों को स्थिर करने का काम हो या कोविड-19 से निपटने में सहयोगात्मक प्रयास। उन्होंने कहा कि आज की अशांत दुनिया में दोनों देशों के रिश्ते में एक चीज नियत है जो आगे भी रहेगी और वह हमारी द्विपक्षीय साझेदारी की ताकत है। प्रधान ने रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी के बारे में बात करते हुए कहा कि प्राकृतिक गैस क्षेत्र में सहयोग को प्राथमिकता दिए जाने वाले क्षेत्र के रूप में पहचान की गई है। उन्होंने भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में एलएनजी तहखाना, एलएनजी आईएसओ कंटेनर विकास,पेट्रो-रसायन, जैव-ईंधन और संपीडित बायो गैस में आने वाले कई नए अवसरों का उल्लेख किया। प्रधान ने भारत में अन्वेषण और उत्पादन क्षेत्र में चल रहे दूरगामी परिवर्तन और नीतिगत सुधारों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में गैस आपूर्ति और वितरण नेटवर्क के विकास सहित प्राकृतिक गैस अवसंरचना की स्थापना के साथ-साथ तेल और गैस की खोज क्षेत्र में 118 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश करेगा क्योंकि देश तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हो रहा है। धर्मेंद्र प्रधान ने अगले ओएएलपीऔर डीएसएफ नीलामी दौर में अमेरिकी कंपनियों से अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी करने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि उद्योग गोलमेज बैठक तय समय पर हो रही है और इस बैठक में होने वाला विचार-विमर्श हमें उद्योग के दृष्टिकोण से उपयोगी जानकारी प्रदान करेगा। हिन्दुस्थान समाचार/ रवीन्द्र मिश्र/बच्चन-hindusthansamachar.in

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