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सिंधिया के ग्वालियर दौरे में दिखी सियासी ताकत

ग्वालियर, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्वालियर आगमन उनकी सियासी ताकत को जाहिर कर गया। सिंधिया का स्वागत करने में भाजपा के तमाम नेता पीछे नहीं रहे और जनता भी सड़कों पर सैलाब के तौर पर उमड़ी। यही कारण रहा कि सिंधिया को मुरैना से ग्वालियर और अपने राजमहल तक पहुंचने में कई घंटों का वक्त लग गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लगभग डेढ़ साल पहले कांग्रेस से बगावत की थी और उसी के चलते राज्य में कमलनाथ सरकार का पतन हो गया था। सिंधिया की बदौलत राज्य में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की फिर से सरकार बनी और उसके बाद हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने 28 में से 19 सीटों पर जीत दर्ज की। सिंधिया के कांग्रेस से भाजपा में जाने के बाद लगातार कयासों का बाजार गर्म रहा, उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने में हुई देरी पर कांग्रेस लगातार तंज कसती रही। मोदी सरकार में सिंधिया को कैबिनेट मंत्री बनाते हुए नागरिक उड्डयन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। सिंधिया अपने विभाग के जरिए मध्य प्रदेश को विभिन्न स्थानों से हवाई मार्ग से जोड़ने की कवायद में लगे हुए हैं। बीते समय में सिंधिया ने मध्य प्रदेश के तमाम बड़े शहरों भोपाल, इंदौर के अलावा ग्वालियर वे जबलपुर को कई उड़ानों के तौर पर सौगातें दी हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद सिंधिया बुधवार को पहली बार ग्वालियर पहुंचे। सिंधिया के सड़क मार्ग से मुरैना होते हुए ग्वालियर तक पहुंचने के रास्ते में हर जगह जोरदार स्वागत किया गया। कहीं बैंड बज रहे थे, तो कहीं ढोल और नगाड़े, इतना ही नहीं घोड़ों पर सवार लोग भी उनका स्वागत करते नजर आए। यही कारण रहा कि सिंधिया को मुरैना से ग्वालियर में अपने राज महल तक पहुंचने में कई घंटों का वक्त लग गया। सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने पर लगातार यही कहा जाता रहा है कि कांग्रेस की तरह इस इलाके में भाजपा भी दो धड़ों में बट जाएगी, मगर ग्वालियर आगमन के दौरान इस तरह के कयासों पर विराम लगता ही नजर आया। ऐसा इसलिए क्योंकि सिंधिया के स्वागत कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा स्थानीय सांसद विवेक शेजवलकर से लेकर तमाम विधायक राज्य सरकार के मंत्री और पूर्व मंत्री व अटल बिहारी वाजपेई के भांजे अनूप मिश्रा भी स्वागत समारोह में दिखाई दिए। स्थानीय लोगों की मानें तो उनका कहना है कि सिंधिया का व्यक्तिगत तौर पर इस क्षेत्र में प्रभाव है, वे जब कांग्रेस में थे तब भी लोग उनके स्वागत के लिए सड़कों पर आते थे और अब भाजपा में है तो लोग उनके स्वागत के लिए सड़क पर आए। सिंधिया के ग्वालियर आगमन पर कांग्रेस और अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़े लोगों ने विरोध करने की कोशिश की। ओबीसी से जुड़े लोगांे ने काले झंडे दिखाए तो कांग्रेस ने सिंधिया के विरोध में गुब्बारे छोड़ने का ऐलान किया था, मगर वह सांकेतिक ही रहा, क्योंकि कार्यकर्ताओं ने कुछ गिनती के काले गुब्बारे अपनी छतों से हवा में छोड़े। --आईएएनएस एसएनपी/एएनएम

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