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प्रधानमंत्री ने 'कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार 6 क्रैश कोर्स प्रोग्राम' का शुभारंभ किया

नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को ‘कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार छह क्रैश कोर्स प्रोग्राम’ का शुभारंभ किया। इसके साथ ही 26 राज्यों के 111 प्रशिक्षण केन्द्रों में इस प्रोग्राम की शुरूआत हो गई। प्रोग्राम का उद्देश्य देशभर में एक लाख से अधिक कोविड योद्धाओं को कौशल से लैस करना और उन्हें कुछ नया सिखाना है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रिमोट का बटन दबाकर क्रैश कोर्स का शुभारंभ करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हमने देखा कि कोरोना वायरस का बार-बार बदलता स्वरूप चुनौतियां ला सकता है। उन्होंने कहा कि हर सावधानी के साथ, आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें देश की तैयारियों को और बढ़ाना होगा। इसी लक्ष्य के साथ आज देश में करीब एक लाख फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स तैयार करने का महाअभियान शुरु हो रहा है। ये कोर्स 2-3 महीने में ही पूरा हो जाएगा, इसलिए ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्ध भी हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें नए युवाओं की स्किलिंग होगी और जो पहले से ट्रेंड हो चुके हैं उनकी अप स्किलिंग भी होगी. नए युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बनेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी जनसंख्या को देखते हुए डॉक्टर, नर्स की संख्या का विस्तार करते रहना भी आवश्यक है। बीते 7 साल में देश में नए एम्स, नए मेडिकल कॉलेज, नए नर्सिंग कॉलेज के निर्माण पर बल दिया गया है। इनमें से कई ने काम करना भी शुरु कर दिया है। मेडिकल शिक्षा और इससे जुड़े संस्थानों में रिफॉर्म को भी सपोर्ट किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना टीकाकरण की अहम कड़ी बताते हुए कहा कि आशा और आंगनवाड़ी वर्करों ने कोविड समय में अहम भूमिका निभाई है। इस अवसर पर केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय के साथ केंद्रीय मंत्री आर के सिंह, डॉ. हर्षवर्धन, हरदीप सिंह पुरी और धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद थे। इस प्रोग्राम के माध्यम से कोविड योद्धाओं को होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस्ड केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट जैसे छह कार्यों से जुड़ी विशिष्ट भूमिकाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रोग्राम को 276 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के केन्द्रीय घटक के तहत एक विशेष कार्यक्रम के रूप में तैयार किया गया है। यह प्रोग्राम स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रमशक्ति की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल गैर-चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार करेगा। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील

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