patna-aiims-antibodies-were-already-found-in-50-of-the-children
patna-aiims-antibodies-were-already-found-in-50-of-the-children

Patna AIIMS: 50 फीसदी बच्चों में पहले से ही बनी मिली एंटीबॉडी

गोविन्द पटना, 10 जून (हि.स.)। देश के बच्चों के लिए एक अच्छी खबर पटना से सामने आई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना वैक्सीन ट्रायल के लिए आए 50 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों की जांच में एंटीबॉडी पहले से बनी मिली है। एम्स के सूत्रों की मानें तो 50 से 60 प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई। यानि इन बच्चों के शरीर में पहले से कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली सशक्त हो चुकी थी। यह तभी हुआ होगा जब इन बच्चों का शरीर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ा होगा। ऐसे बच्चों वैक्सीन का ट्रायल नहीं किया गया। बच्चों की जांच के दौरान सीरो रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। 12 से 18 साल के 27 बच्चों का वैक्सीन ट्रायल अभीतक पटना एम्स में हो चुका है। ट्रायल में शामिल होने आए कई बच्चों में पहले से ही एंटीबॉडी थी। इस कारण से उन्हें टीके का डोज नहीं दिया गया। पटना एम्स की सीनियर डॉक्टर वीणा सिंह ने बताया कि एंटीबॉडी बनने के बाद भी बच्चों और उनके माता-पिता को विशेष सावधानी बरतनी होगी। कोरोना वायरस का म्यूटेंट लगातार बदल रहा है। अभी दूसरी लहर के वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनी है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि तीसरी लहर में वायरस का म्यूटेंट ऐसा ही हो। इसलिए बच्चों को लेकर विशेष सतर्कता उनके टीकाकरण पूरा होने तक बरतनी होगी। पटना एम्स के अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह के मुताबिक ट्रायल में शामिल होने आए 12 से 18 साल के कुछ बच्चों की जांच में एंटीबॉडी पाई गई। ऐसे बच्चों को कोवैक्सीन टीके का ट्रायल नहीं किया गया। पहले से एंटीबॉडी रहने से टीके की जरूरत नहीं होती। ट्रायल में सिर्फ उन्हीं बच्चों को शामिल किया गया, जिनमें एंटीबॉडी नहीं शामिल थी। हिन्दुस्थान समाचार

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in