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संसदीय समिति ने साइबर अपराध नियंत्रित करने के लिए रिफ्रेशर कोर्स की सिफारिश की

नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। साइबर अपराधों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए, गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने हाल ही में सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के लिए अधिक रिफ्रेशर कोर्सेस (पाठ्यक्रमों) की सिफारिश की है। साइबर अपराधों पर भारत सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर स्थायी समिति की 233वीं रिपोर्ट संसद के हाल ही में संपन्न मानसून सत्र में 10 अगस्त को प्रस्तुत की गई थी। स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तकनीकी प्रगति के कारण अपराधों की प्रकृति विकसित हो रही है और दैनिक आधार पर बदल रही है। इसमें कहा गया है, इसलिए, केंद्र के लिए मौजूदा संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के साथ समन्वय करना महत्वपूर्ण है। गृह मंत्रालय द्वारा स्थापित द्वारका, नई दिल्ली में मौजूदा राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण केंद्र का उपयोग राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को उनके संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर अपराधों की निगरानी और प्रबंधन में शामिल होने के लिए समय-समय पर लघु और दीर्घकालिक प्रशिक्षण और रिफ्रेशर पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए किया जाना चाहिए। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, ऐसा इसलिए किया जाना चाहिए, ताकि चुनौतियों और तकनीकी प्रगति का सामना करने के लिए उन्हें ठीक से शिक्षित किया जा सके। प्रशिक्षित अधिकारियों को अपने समकक्षों/अधीनस्थों को अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशिक्षित करना चाहिए। एमएचए ने समिति को सूचित किया कि नई दिल्ली के महिपालपुर में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) मुख्यालय के तहत राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण केंद्र (एनसीटीसी) सभी एलईए के लिए समय-समय पर लघु और दीर्घकालिक प्रशिक्षण और रिफ्रेशर पाठ्यक्रम आयोजित कर रहा है। अब तक लगभग 13,000 पुलिस कर्मियों, न्यायिक अधिकारियों और अभियोजकों को साइबर अपराध जागरूकता, जांच और फोरेंसिक पर प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। पैनल ने देखा कि अभी भी कई राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश इस उद्देश्य के लिए नहीं आए हैं। इसलिए, एमएचए को उन्हें अधिक कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करने की सलाह देनी चाहिए, ताकि वे बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हों और महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम यानी सीसीपीडब्ल्यूसी के तहत भौतिक और वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समयबद्ध तरीके से लंबित गतिविधियों को पूरा करने में तेजी लाएं। गृह मंत्रालय ने बताया कि पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों/अभियोजकों और फोरेंसिक विशेषज्ञों सहित बड़ी संख्या में हितधारकों को आई4सी योजना के तहत साइबर अपराध जांच-संबंधी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए, एनसीआरबी ने 12 मार्च, 2020 को साइट्रेन पोर्टल पर एक व्यापक ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी) मंच शुरू किया है। गृह मंत्रालय ने कहा है, यह साइबर अपराध जांच पर पेशेवर गुणवत्ता वाले ई-लनिर्ंग संसाधन प्रदान करता है। पोर्टल पर उपलब्ध पाठ्यक्रमों तक पहुंचने के लिए, यूजर केवल सरकारी डोमेन जैसे एनआईसी डॉट इन और जीओवी डॉट इन की ईमेल-आईडी का उपयोग करके पंजीकरण कर सकते हैं। अनुपलब्धता के मामले में सरकारी ईमेल-आईडी की, एक ऑफलाइन प्रक्रिया भी प्रदान की गई है। एलईए के लिए प्रशिक्षण सुविधाओं के संबंध में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक समन्वित और व्यापक तरीके से साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक ढांचा और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए एक भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की स्थापना की है। आई4सी का उद्देश्य एलईए की क्षमता को मजबूत करना और विभिन्न एजेंसियों और एलईए के बीच समन्वय में सुधार करना होगा। यह साइबर अपराधों से निपटने के लिए देश की तकनीकी क्षमता को बढ़ाने और साइबर अपराध से संबंधित विभिन्न एलईए के साथ समन्वय के लिए एक प्रभावी परिचालन वास्तुकला विकसित करने की दिशा में काम करेगा। --आईएएनएस एकेके/एएनएम

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