पाकिस्तान ने एलओसी पार घुसपैठ के भारत के दावे को खारिज किया
इस्लामाबाद, 28 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार घुसपैठ के भारत के दावे का खंडन किया है और खुद भारत पर आरोप लगाया है कि यहां कश्मीर के लोगों पर हिंसा करने का अभ्यास किया जाता है। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने कहा कि यह कश्मीरी लोगों नई दिल्ली की क्रूरता थी, जिससे इलाके में शांति भंग हुई। उन्होंने आगे कहा, कश्मीरी लोगों के साथ भारत की क्रूरता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों के अनुसार जम्मू-कश्मीर विवाद को हल करने से इनकार करने के कारण क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है। वह ये भी कहते हैं, सन 1947 के बाद से कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक मुद्दा बना हुआ है, जिसका समाधान होना अभी बाकी है। भारतीय अवैध कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर आईआईओजेके में 5 अगस्त, 2019 में भारत की अवैध और एकतरफा कार्रवाई अंतर्राष्ट्रीय कानून के खिलाफ और स्पष्ट रूप से शांति विरोधी थी। चौधरी ने आगे कहा कि आईआईओजेके में भारतीय कब्जे और राज्य प्रायोजित आतंकवाद से आजादी का आंदोलन स्वदेशी है और जब तक भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार कार्य करने का फैसला नहीं करता है, तब तक इसके जारी रहने की संभावना है। कब्जे वाले क्षेत्र में एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जनमत संग्रह का होना अनिवार्य है। प्रवक्ता ने भारत को सलाह दी कि वह पाकिस्तान के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी करने से परहेज करें और जम्मू-कश्मीर विवाद के साथ-साथ किसी भी अन्य मुद्दों के समाधान के लिए एक सार्थक और परिणामोन्मुखी जुड़ाव के लिए सक्षम वातावरण बनाने पर ध्यान केंद्रित करें। चौधरी की यह टिप्पणी भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा यह दावा किए जाने के बाद आई है कि पाकिस्तान द्वारा घुसपैठ की कोशिशों के कारण नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर गोलीबारी की घटना हुई है। जयशंकर ने यह बात स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूट में एक संबोधन के दौरान कही। --आईएएनएस एएसएन/एएनएम