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प. बंगालः माकपा-कांग्रेस गठबंधन में दूर हुई शिकायतें, सीटों का फार्मूला तय

कोलकाता, 03 मार्च (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में आसन्न विधानसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा का विकल्प बनने के लिए माकपा-कांग्रेस और इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) का गठबंधन अंतिम रूप ले चुका है। कट्टरवाद के लिए विख्यात रहे फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दिकी की पार्टी आईएसएफ के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को अपनी ही पार्टी में आलोचना झेलनी पड़ी। अब्बास को सीट देने को लेकर भी अड़चनें आई थीं। लेकिन अब खबर है कि सबकुछ ठीक हो गया है। तीनों पार्टियों ने संयुक्त गठबंधन में चुनाव लड़ने का फॉर्मूला तैयार कर लिया है। सूत्रों ने बताया है कि 294 विधानसभा क्षेत्र वाले राज्य में 165 सीटों पर वामदल चुनाव लड़ेंगे जबकि कांग्रेस को 92 सीटें दी गई हैं। वहीं, नवगठित पार्टी आईएसएफ को 37 सीटें मिली हैं। आईएसएफ को पहले 30 सीटें दी गई थीं लेकिन अब्बास इसके लिए तैयार नहीं थे, जिसके बाद और सात सीटें बढ़ाई गई हैं। सूत्रों ने दावा किया है कि आगामी आठ मार्च को पहले दो चरण में मतदान से गुजरने वाले 60 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की संयुक्त घोषणा की जा सकती है। इसके पहले 2016 में भी माकपा-कांग्रेस ने एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके थे। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को 211 सीटों पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट गई थी और वामदलों को महज 26 सीटें मिली थीं। बाकी 10 सीटों पर भाजपा और अन्य दलों ने जीत हासिल की थी। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश

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