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जींद में कृषि कानूनों का विरोध, किसान ने नष्ट की फसल

भाव सही न मिलने की आशंका के चलते उठाया कदम विजेंद्र मराठा जींद, 21 फरवरी । तीन कृषि कानून को रद्द न करने से खफा गांव गुलकनी के किसान ने अपनी दो एकड़ खड़ी गेहूं फसल की ट्रैक्टर हैरो के साथ जुताई कर दी। पूर्व में उत्तर प्रदेश में भी खफा किसान ने खड़ी फसल को जोत दिया था। खड़ी फसल की जुताई करने वाले किसान का कहना है कि भंडारण करने की उनकी क्षमता नहीं है। अगर फसल का उचित मूल्य नहीं मिलेगा तो नष्ट करने के सिवाए कोई और चारा नहीं है। जो बिजाई से अब तक उसे नुकसान हुआ उसे सहन कर लेंगे लेकिन पकने तक और खर्च बढ़ेगा। अगर पकने के बाद फसल का मूल्य सही नहीं मिला तो उसे और ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। काबिलेगौर है कि भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ब्यान दिया था कि अगर किसानों की मांगे पूरी नहीं हुई तो किसान अपनी खड़ी फसलों को जला देंगे। गांव गुलकनी निवासी राममेहर रविवार को ट्रैक्टर हैरो लेकर अपने खेत में पहुंचा और दो एकड़ फसल की जुताई कर दी। इस दौरान राममेहर परिवार की महिलाओं के अलावा काफी संख्या में किसान भी खेत में पहुंचे। जब खेत में खड़ी फसल को नष्ट किया जा रहा था उस दौरान किसान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। किसान राममेहर ने कहा कि पिछले तीन माह से किसान तीन कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। सरकार किसानों की बातें नहीं सुन रही है। 200 से ज्यादा किसानों की जाने जा चुकी हैं। अब आंदोलन प्रभावित न हो इसको लेकर एक-एक सप्ताह की शिफ्ट में किसान दिल्ली भेजे जा रहे हैं। निजी वाहनों में वेल्डिंग मशीन, तिरपाल व अन्य खादय जरूरतों का सामान भेजा जा रहा है। किसानों ने साफ कहा कि जब तक तीन कृषि कानून रद्द नहीं होते तब तक वे घर वापस नहीं लौटेंगे। हिन्दुस्थान समाचार

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