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केरल में विपक्ष ने नए कोविड मानदंडों को अवैज्ञानिक बताया

तिरुवनंतपुरम, 6 अगस्त (आईएएनएस)। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज द्वारा नए घोषित किए गए कोविड मानदंडों में कोई ढील नहीं दिए जाने के बाद लगातार तीसरे दिन कांग्रेस नीत विपक्ष ने विधानसभा से खुद को बाहर किया। जॉर्ज ने बुधवार को नए दिशानिदेशरें की घोषणा की, जिसमें कहा गया है कि जो लोग दुकानों, बैंकों और अन्य प्रतिष्ठानों में प्रवेश करते हैं, उन्हें टीके की कम से कम एक खुराक दी जानी चाहिए या आरटी-पीसीआर प्रमाणपत्र 72 घंटे से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए। शुक्रवार को, कांग्रेस विधायक के. बाबू ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव के लिए छुट्टी मांगी और सरकार द्वारा कोविड से निपटने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित सबसे अव्यावहारिक और अवैज्ञानिक मानदंडों के लिए नारा दिया। बाबू ने कहा नई मांग के लिए भारी प्रतिक्रिया हुई है कि लोगों को आरटी-पीसीआर परीक्षण करना चाहिए या टीके की एक खुराक लेनी चाहिए थी। अब घोषित ढील के साथ, यह केवल पुलिस को लोगों से निपटने और जुर्माना लगाने में मदद करेगा। यह ऐसा नहीं होना चाहिए। इसलिए लोगों की मदद करने के लिए उचित बदलाव होने चाहिए। लेकिन जॉर्ज ने कहा कि लोगों की सुरक्षा करना एक जिम्मेदार सरकार की जिम्मेदारी है और हम यही कर रहे हैं। जॉर्ज ने कहा, किसी को भी डेल्टा वैरिएंट की उपस्थिति को नहीं भूलना चाहिए। सरकार को लोगों का ध्यान रखना है और इसलिए हमें शीर्ष अदालत के निर्देश का भी पालन करना होगा। इसलिए वर्तमान परिस्थितियों में, हम इस तरह कोई छूट नहीं दे सकते हैं। विशेषज्ञ समिति द्वारा निर्णय लिया गया है। विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने कहा कि किसी भी सरकार को लोगों की जरूरतों को समझना चाहिए और उसके अनुसार काम करना चाहिए, लेकिन यह सरकार लोगों की परेशानी को नहीं समझ रही है। सतीसन ने कहा, यह सरकार हमारे राज्य के लोगों को चिढ़ा रही है क्योंकि अगर लोगों को घर से बाहर जाना है और अगले दरवाजे की दुकान से अपनी जरूरत का सामान खरीदना है तो 57.86 प्रतिशत आबादी को आरटी-पीसीआर परीक्षण से गुजरना होगा। इन अव्यावहारिक और अतार्किक मानदंडों के खिलाफ सोशल मीडिया में गतिविधियों के खिलाफ प्रतिक्रियाएं आ रही है। --आईएएनएस एसएस/आरजेएस

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