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जनगणना में जाति आधारित आंकड़ों के प्रकाशन की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस
नई दिल्ली, 26 फरवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने जनगणना में अन्य पिछली जातियों की गणना और जाति आधारित आंकड़ों के प्रकाशन की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह याचिका हैदराबाद के वकील जी. मल्लेश यादव ने दायर की है। इसके पहले 15 अक्टूबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने सोनिया सैनी की ऐसी ही याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करने का निर्देश दिया। याचिका में कहा गया है कि पहली जनगणना 1872 में हुई थी। वर्ष 1931 की जनगणना में ओबीसी को भी शामिल किया गया। 1931 के आंकड़ों के मुताबिक ओबीसी की आबादी 52 फीसदी थी। 1931 की जनगणना में पाकिस्तान और बांग्लादेश की आबादी भी शामिल थी। हिन्दुस्थान समाचार/ संजय/सुनीत