विधायक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के खिलाफ उत्तर बंगाल में दिख रहा बंद का असर
विधायक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के खिलाफ उत्तर बंगाल में दिख रहा बंद का असर

विधायक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के खिलाफ उत्तर बंगाल में दिख रहा बंद का असर

कोलकाता, 14 जुलाई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हेमताबाद से विधायक देवेंद्र नाथ रॉय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के खिलाफ भाजपा द्वारा आहूत 12 घंटे बंद का असर मंगलवार सुबह से ही दिखने लगा है। हेमताबाद के साथ-साथ पूरे उत्तर बंगाल में सुबह से ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए हैं। विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी हो रही है। अधिकतर लोगों ने अपनी-अपनी दुकानें, बाजार आदि बंद रखे हैं। सड़कों पर गाड़ियां नहीं चल रही हैं और लोग भी कम हैं। दरअसल, 59 वर्षीय विधायक देवेंद्र नाथ रॉय का शव सोमवार सुबह घर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर मोबाइल दुकान के सामने फंदे से लटकता हुआ बरामद किया गया था। उनके दोनों हाथ बंधे हुए थे। भारतीय जनता पार्टी और परिवार ने दावा किया है कि रात को एक बजे उन्हें फोन आया था जिसके बाद वह घर से निकले थे। उन्हें मौत के घाट उतारने के बाद आत्महत्या करार देने के लिए शव को टांग दिया गया है। उत्तर दिनाजपुर के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने दावा किया था कि विधायक के पॉकेट से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें दो लोगों को उन्होंने मौत के लिए जिम्मेवार ठहराया है। इधर भारतीय जनता पार्टी के विधायक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई इस मौत की सीबीआई जांच की मांग पर अड़ी हुई है। कांग्रेस और माकपा ने भी भाजपा के सुर में सुर मिलाया है। देवेंद्र नाथ 2016 में माकपा कांग्रेस गठबंधन के समय माकपा के टिकट पर जीत दर्ज किए थे। उसके बाद 2019 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। माकपा और कांग्रेस उन्हें अपना विधायक बता रही हैं और भाजपा भी उन्हें अपनी पार्टी का विधायक होने का दावा कर रही है। इसलिए तीनों पार्टियां अलग अलग ही सही, लेकिन एक सुर में हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की मांग कर रही है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी विधायक की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की है। विपक्ष का आरोप है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने उन्हें मौत के घाट उतारा है। हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए ही भाजपा ने आज 12 घंटे बंद का आह्वान किया है जिसका असर मंगलवार सुबह से ही दिखने लगा है। रायगंज में तो एक भी दुकान नहीं खुली है। सड़कों पर से गाड़ियां बिल्कुल नदारद हैं। वैसे संभावित संघर्ष को टालने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती इलाके में की गई है। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश-hindusthansamachar.in

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