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शिक्षा जगत में किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए : राज्यपाल

- छात्र अपने जीवन में क्रान्तिकारी बदलाव लाकर देश को आगे बढ़ा सकते सिद्धार्थनगर, 18 मार्च (हि.स)। सभी छात्र व छात्राएं आगे बढ़कर अपने देश व प्रदेश को आगे बढ़ाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। शिक्षा जगत में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। उक्त जानकारी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कपिलवस्तु विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह के अवसर पर दिया है। समारोह के अवसर पर कुल 34 छात्र व छात्राओं को आवार्ड एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के आन्दोलन में सभी स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है। नयी पीढ़ी को जागरूक करने के लिए इतिहास की जानकारी बहुत जरूरी है। भारत विश्वगुरू बने। महात्मा गांधी जी ने नमक सत्याग्रह आन्दोलन चलाया था। यह आन्दोलन एक साल तक चला। हमारे देश को 1947 में आजादी मिली। आजादी के आन्दोलन में उप्र में 75 घटनायें घटित हुई हैं। 75 अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहाकि राष्ट्र के समक्ष चुनौतियां बहुत है। अपने जीवन में क्रान्तिकारी बदलाव लाकर अपने देश को आगे बढ़ा सकते हैं। आपकी डिग्री जो मिली है वह कागज का टुकड़ा नहीं है। इसके महत्व के लिए आप सभी लोगों को संकल्प लेना होगा। तभी आप सभी आगे जाकर देश में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकेंगे। भारत में आप किसी भी पद पर जिम्मेदारी निभाने के लिए पूरी ईमानदारी के साथ कार्य करेंगे। बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टी.वी. मुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया है। इस उद्देश्य में सहभागिता निभाने के लिए उप्र के सभी विश्वविद्यालयों ने 05-05 गांव टीवी मुक्त बनाने के लिए गोद लिया है। गोद लिये हुए गांव में कोई भी व्यक्ति टीवी का रोगी न रहे इसके लिए सभी लोग संकल्प लें। मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान प्राप्त किया है। नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए कार्य किया जा रहा है। उप्र की कमेटी में प्रो. सुरेन्द्र दूबे कुलपति की अध्यक्षता में कोर्स कामन के संबध में विचार किया जा रहा है। एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में छात्र व छात्राओं को प्रवेश लेने में आसानी होगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज आत्मनिर्भर भारत दुनिया को दिख रहा है। प्रधानमंत्री की दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने कोरोना जैसी महामारी से निजात के लिए दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार की है। शिक्षा, स्वास्थ्य औद्यौगिक विकास, बिजली, सड़क, कृषि क्षेत्र में प्रदेश में विकास हो रहा है। आज यूपी, आईटी के क्षेत्र में बंगलौर जैसे शहरों को टक्कर दे रहा है। चार साल में 4 लाख से अधिक युवाओं को पारदर्शी पूर्वक सरकारी नौकरी दी गई है। आज यूपी बोर्ड की परीक्षा सबसे कम समय में सम्पादित कराई जाती है। सबसे पहले परीक्षा परिणाम भी आता है। परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण भी आनलाइन ही किया जाता है। यह अब एक बदला हुआ प्रदेश है। बताया कि सरकार ने 197 राजकीय हाईस्कूल और 51 बालिका छात्रावासों का निर्माण पूर्ण कराया है। 193 इंटर कालेजों का संचालन आरंभ कराया गया है। संस्कृत भाषा के प्रोत्साहन के लिए 1075 संस्कृत माघ्यमिक विद्यालयों में 97.42 छात्र छात्राओं को संस्कृत शिक्षा दी जा रही है। सरकार प्रयासरत है कि अब विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक विश्वस्तरीय शिक्षा भारत में ही मिल सके। इसके लिए उन्हे बाहर नहीं जाना पड़े। क्षेत्रीय भाषा के साथ विदेशी भाषा के अध्यापन का कार्य सभी विश्वविद्यालयों में शुरू हो सके। प्रदेश में स्मार्टक्लास की शुरुआत की गई है। प्रदेश के 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना कराई जा रही है। कहाकि सरकार ने अपराध के खिलाफ जीरों टालरेन्स की नीति अपनाई, जिसके परिणाम अब सबके सामने हैं। विकस की सीढ़ियों को चढ़ने के समय में भी सरकार पर्यावरण संरक्षण के अपने दायित्व को नहीं भूली है। आने वाली पीढ़ी को बेहतर वातावरण देने के लिए 25 करोड़ पौधों का रोपण किया गया, जोकि एक रिकार्ड है। प्रदेश अब तेजी से सूचना प्रौद्योगिकी का हब बनने की ओर भी अग्रसर है। करीब 200 करोड़ से आईटी पार्क की स्थापना के साथ ही इलेक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चरिंग नीति के तहत 40 हजार करोड के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। कहाकि सड़के विकास की रफ्तार को कई गुना बढ़ा देती है। इसीलिए सरकार प्रदेश में पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड, गंगा, गोरखपुर लिंक व बलिया लिंक एक्सप्रेसवे बनवा रही है। यह एक्सप्रेस वे से आने वाले समय में विकास को नई रफ्तार मिलेगी। जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट प्रदेश में तरक्की का नया द्वार खोलेगा। इसी प्रकार कुशीनगर का एयरपोर्ट पर्यटन को चार चांद लगा देगा। विशिष्ठ अतिथि बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि दीक्षान्त समारोह भारतीय परम्परा, समाज और राष्ट्र के प्रति बोध कराता है। आत्म निर्भर भारत के निर्माण में सभी छात्र व छात्राएं अपना योगदान दें। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र दुबे ने बताया कि वर्तमान में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में 30 शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं। इस विश्वविद्यालय में कुल 500 छात्र व छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालय बर्डपुर, बूड़ा के 50 छात्रों को बैग एवं शिक्षण सामग्री तथा फल प्रदान किया गया है। इस अवसर पर 223 करोड़ की लागत से महिला छात्रावास, बहुमंजिला शिक्षक व कर्मचारियों का आवास, बैंक व पोस्ट ऑफिस, महामाया द्वारा का लोकार्पण भी किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ बलराम

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