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डीएआईसी के नवागत पोस्ट-डॉक्टरल अध्येता दें देश की प्रगति में योगदान : कटारिया

नई दिल्ली, 25 फरवरी (हि.स.)। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की वित्तीय सहायता से संचालित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (डीएआईसी) ने डॉ. अंबेडकर डॉक्टरल फैलोशिप और पोस्ट-डॉक्टरल फैलोशिप (राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय) शुरू की है। डीएआईसी ने फरवरी 2021 बैच में 30 पोस्ट-डॉक्टरल अध्येताओं का चयन किया है, जिनमें से 28 राष्ट्रीय और दो अंतरराष्ट्रीय फैलोशिप वाले हैं। केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने गुरुवार को नई दिल्ली में डीएआईसी के पोस्ट-डॉक्टरल फैलोशिप के अनुकूलन कार्यक्रम में अपने संबोधन में नवागत पोस्ट-डॉक्टरल अध्येताओं से सच्चे अर्थों में इस अवसर का लाभ उठाने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के ‘सबका साथ सबका विकास’ के विजन से जुड़कर उन्हें देश की प्रगति में भी योगदान देना चाहिए। उन्होंने अध्येताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इन दो वर्षों के दौरान आपको देश के वर्तमान सामाजिक और आर्थिक विषयों को समझना चाहिए, उन पर शोध करना चाहिए और उनके प्रभावी समाधान के लिए देश को उपाय सुझाने चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान सरकार ने अनुसंधान और शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। इसके तहत ही देश के कुछ प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने अपने ज्ञान को दुनिया में स्थापित करना आरंभ किया है। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अंतर्गत डीएआईसी जल्दी ही प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में शामिल होगा। उल्लेखनीय है कि सामाजिक और आर्थिक विषयों पर शोध के एक अहम केंद्र के रूप में प्रधानमंत्री ने 07 दिसम्बर,2017 को डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (डीएआईसी) का उद्घाटन किया था। इस केंद्र की परिकल्पना नीतिगत दस्तावेज तैयार करने और परियोजनाएं, अनुसंधान तथा जमीनी कार्य संचालित करने वाले केंद्र के रूप में की गई। हिन्दुस्थान समाचार/आकाश/सुनीत

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