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गुजरात में आईएसआई आतंक के नए मॉड्यूल का उजागर, दो गिरफ्तार

अहमदाबाद में 20 मार्च को हुआ अग्निकांड में थी आतंकी साजिश आग लगाने के लिए हवाला के जरिए आरोपित को मिले थे डेढ़ लाख अहमदाबाद, 07 अप्रैल (हि.स.)। महानगर के कालूपुर रेवडी बाजार में 20 मार्च को पांच दुकानों में आग लगने की घटना में अब आतंकी साजिश होने का पर्दाफाश हुआ है। इसके साथ अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने गुजरात में आतंक के इस नए मॉड्यूल का खुलासा किया है। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में मंगलवार को दो आरोपितों गिरफ्तार कर आग लगाने के लिए दुबई से हवाला के जरिए पैसा मिलने का भी खुलासा किया है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच में पाया कि कालूपुर रेवडी बाजार में 20 मार्च को पांच दुकानों में आग लगने की घटना के पीछे आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया। क्राइम ब्रांच के अनुसार इन दुकानों में आग लगाने के लिए आरोपित प्रवीण नाम के व्यक्ति को घटना के बाद दुबई से हवाला के माध्यम से रुपया मिला था। इस घटना में दो लोगों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है, जिन्होंने पीपीई किट पहन कर रेवड़ी बाजार में आग लगाई थी। पत्रकार वार्ता में ज्वाइंट सीपी ने किया खुलासा बुधवार को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट सीपी प्रेमवीर सिंह ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि प्रवीण फेसबुक के माध्यम से बाबा पठान के व्यक्ति के संपर्क में आया। बाबा पठान ने पहले प्रवीण को हत्या के लिए उकसाया। क्राइम ब्रांच के अनुसार बाबा ने उससे कहा था कि अपने क्षेत्र में किसी को मार डालो। इस पर प्रवीण मध्य प्रदेश गया और एक हथियार के साथ लौट रहा था लेकिन जांच के दौरान पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। उस पर आर्म्स एक्ट के तहत आरोप लगाए गए थे। ज्वाइंट सीपी ने बताया कि इस घटना के बाद बाबा पठान ने फिर से प्रवीण से कहा कि तुम एक और काम करो, किसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर अग्निकांड कर दो। उन्होंने बताया कि इस पर प्रवीण ने अहमदाबाद के रेवडी बाजार में 20 मार्च को पांच दुकानों में आग लगाई थी। ज्वाइंट सीपी ने बताया कि मार्च 2020 में लॉकडाउन के चलते कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी थी। इस मजबूरी का फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान के आईएसआई ने भी छोटे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक नया कदम उठाया। उसने एक विशेष धर्म के लोगों को फंसाकर आतंकवाद के कृत्यों को अंजाम देने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया। पाकिस्तानी आईएसआई एजेंटों ने ऐसे घटना को दिलाया अंजाम उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने हाजी मस्तान की एक फोटो के साथ राजा भाई कंपनी नाम से एक फेसबुक पेज बनाया। इस पृष्ठ पर हैंडलर हथियारों और अपराधियों के बारे में लिख रहा था। इसलिए कई लोग इसे पसंद करने लगे। अहमदाबाद के भूपेंद्र उर्फ प्रवीण आनंदभाई बंजारा को इस पेज पसंद आया। क्राइम ब्रांच डीसीपी चैतन्य मंडलिक ने बताया कि आईएसआई हैंडलर इस पेज पर भूपेंद्र से बात कर रहा था और प्रवीण को पैसे की जरूरत थी। प्रवीण उनके जाल में फंस गया। उन्होंने बताया कि हैंडलर को किसी काम के लिए प्रवीण को 1.5 लाख रुपये देने थे। हैंडलर ने प्रवीण से एक दस रुपये के नोट का नंबर लिया और फिर उसे आंगड़िया एक आंगडिया फर्म के पास भेजा और उसे वही दस रुपये का नोट और मनोज भाई का नाम बताने को कहा। प्रवीण उस दस रुपये के नोट को लेकर अंगड़िया फर्म के पास पहुंचा और हैंडलर के बताए काम के अनुसार आंगडिया ने उसे रुपये दे दिए। प्रवीण ने काम को अंजाम देने के लिए अपने साथ के एक अन्य को रुपये देने के बदले काम को अंजाम देने के लिए तैयार कर लिया। वह भी बेरोजगारी के कारण तैयार हो गया और 20 मार्च 2020 को दोनों ने रेवडी बाजार में पांच दुकान में आग लगा दी थी। बाइक नंबर से आरोपिताें तक पहुंची पुलिस दरअसल, जांच के दौरान पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में बाइक दिखी थी। बाइक नंबर के आधार पर जांच करते हुए पुलिस भूपेंद्र उर्फ प्रवीण तक पहुंच गई और उसके साथी को भी पकड़ लिया था। पुलिस ने कहीं से रुपये मिलने पर इसे गंभीरता से लिया और गहराई से जांच शुरू कर दी। क्राइम ब्रांच रुपये आने की जांच की तो पता चला है कि पहले मुंबई में दुबई से रुपये भेजे गए और फिर कांगो से। पुलिस ने वीपीएन और वीओआइपी प्रणाली में एक लिंक खोज निकाला। इसके बाद दो दिन में आईएसआई की साजिश का पूरा विवरण और कराची में हैंडलर और उसका पाकिस्तानी आईपी भी खोजने में सफलता हासिल कर ली। एक काॅल के बाद सक्रिय हुई थी क्राइम ब्रांच अहमदाबाद के कालूपुर रेवड़ी बाजार की दुकान में आग लगने के घटना को पुलिस ने प्राथमिक तौर पर बीमा का खेल को समझा था। लेकिन केंद्रीय एजेंसी नेे एक कॉल ट्रेस की कि जिसमें कालूपुर पर काम खत्म हो गया का संदेेश था। इस पर केन्द्रीय एजेन्सी ने स्थानीय आईपीएस अधिकारी को इसका पता लगाने को कहा गया। तब क्राइम ब्रांच ने इस पर काम शुरू किया और जांच कर इस घटना में आईएसआई कनेक्शन सामने आया। हिन्दुस्थान समाचार/हर्ष/पारस

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