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बंगाल की बेहतरी के लिए राष्ट्रवादी संकल्प के साथ काम करने की जरूरत : हितेश शंकर

ओमप्रकाश कोलकाता, 31 मार्च (हि.स.)। पश्चिम बंगाल केंद्रित परिचर्चा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बंगाल की बेहतरी के लिए वाद विवाद छोड़कर राष्ट्रवाद की भावना के साथ काम करने की जरूरत है। मंगलवार शाम हावड़ा के शरत सदन में नागरिक सचेतन मंच और साप्ताहिक पांचजन्य द्वारा "बंगाल- कल और आज" विषय पर आयोजित संगोष्ठी में पांचजन्य के सम्पादक हितेश शंकर ने कहा कि पश्चिम बंगाल में शांति और विकास के लिए राजनीतिक हिंसा बंद होनी आवश्यक है। बंगाल की हिंसक राजनीति पर वरिष्ठ पत्रकार रास बिहारी द्वारा लिखी गई पुस्तकें रक्तांचल-बंगाल की रक्तचरित्र राजनीति, रक्तरंजित बंगाल-लोकसभा चुनाव 2019 और बंगाल-वोटों का खूनी लूटतंत्र के विमोचन शृंखला की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों में बहुत ही निर्भीकता के साथ तथ्यों को उजागर किया गया गया है। राजनीतिक इतिहास की जानकारी देने के साथ ही राजनीतिक हिंसा के कारणों का उल्लेख किया गया है। शंकर ने कहा कि देश में वाद-विवाद को छोड़कर राष्ट्रभाव जगाने की आवश्यकता है। लेखक और पत्रकार रास बिहारी ने पुस्तकों का विवरण देते हुए कहा कि राजनीतिक हिंसा की बड़ी वजह बंगाल में सत्तारूढ़ रहे दलों द्वारा सत्ता पर काबिज होने के लिये माफिया और सिंडिकेट राज को प्रश्रय देना है। सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस की गुटबाजी में बड़ी संख्या में लोगों की हत्या के पीछे वसूली, सिंडिकेट पर कब्जा, ठेके हड़पने आदि के लिये इलाका दखल की होड़ है। समारोह के मुख्य अतिथि समाजसेवी सुनील सिंह ने कहा कि बंगाल में लोगों पर जबरन राजनीतिक विचारधारा थोपी जाती है। उन्होंने कहा कि रासबिहारी ने पुस्तकों में तमाम तथ्य रखकर बंगाल की रक्तरंजित राजनीति को उजागर किया है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य आनंद राणा, नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के कोषाध्यक्ष डॉ अरविंद सिंह तथा राष्ट्रीय भाव जगाने वाली पुस्तकों के प्रकाशन के लिये सदैव तत्पर यश पब्लिकेशन के निदेशक जतिन भारद्वाज का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर बंगाल में बदलाव की बयार विषय पर साप्ताहिक पांचजन्य के विशेष अंक पर भी चर्चा की गई। हिन्दुस्थान समाचार

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