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प्रवर समिति के पास भेजा जाए एनसीटी (संशोधन) विधेयक : खड़गे

नई दिल्ली, 24 मार्च (हि.स.)। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक को जन-विरोधी बताते हुए इसे सेलेक्ट कमेटी (प्रवर समिति) के पास भेजे जाने की मांग की है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लोकतांत्रिक संस्थाओं को खत्म करने की साजिश की जा रही है। निर्वाचित सरकार के अधिकारों को छीन कर उपराज्यपाल को देने की योजनाबद्ध तरीके से षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने पूछा कि यदि सभी अधिकार विधायी के एक नामित एलजी को दिए गए तो सरकार किस काम की? उन्होंने एनसीटी संशोधित विधेयक को लोकतंत्र विरोधी और जन विरोधी कानून बताया है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को चर्चा के लिए प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए। खड़गे ने कहा कि इस नये संशोधित विधेयक की वजह से दिल्ली में चुनी हुई सरकार, जिसमें लोग अपने प्रतिनिधि को चुनते हैं, उसका कोई वहां पर रोल नहीं रहेगा। यह बिल दिल्ली के आम लोगों के खिलाफ है। क्या अब एक चुनी हुई सरकार का प्रमुख हर बार उपराज्यपाल के पास अनुमति लेने के लिए दौड़ता रहेगा। केंद्र को अपने इस फैसले पर विचार करने की जरूरत है। वहीं, कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि एनसीटी संशोधन विधेयक को व्यवहारिक रूप से कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता। जनता के चुने नुमाइंदे अगर जनसरोकार के विषयों पर फैसला नहीं ले सकते तो फिर इस सरकार को रखने का क्या औचित्य रह जाएगा। इस दौरान दिल्ली भाजपा द्वारा भी एनसीटी विधेयक का विरोध किये जाने को लेकर सिंघवी ने कहा कि इस कानून के मुद्दे पर दिल्ली भाजपा भी हमारे विरोध में शामिल है। उसे पता है कि हो सकता है कभी वे दिल्ली में सत्ता पर हों और कभी कोई दूसरी पार्टी केंद्र में सत्ता पर काबिज हो। हिन्दुस्थान समाचार/आकाश

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