National task force of leading scientists set up to forecast future epidemic outbreaks
National task force of leading scientists set up to forecast future epidemic outbreaks

भविष्य में महामारी के फैलाव का पूर्वानुमान लगाने के लिए प्रमुख वैज्ञानिकों का राष्ट्रीय कार्य बल गठित

नई दिल्ली, 14 जनवरी (हि.स.) । केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को स्वराज्य पत्रिका और वेदांता द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर भारत विषय पर वेबिनार को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत हमारा फोकस बन गया है, जिसके ईर्द-गिर्द सभी आर्थिक नीतियां तय की जा रही है। हमारी सरकार अमीरों और गरीबों के बीच अंतर कम करने पर फोकस कर रही है और सभी भारतीय नागरिकों को समान अवसर प्रदान कर रही है, जिसका अर्थ है-अन्तयोदय। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने अनुसंधान और विकास संस्थानों, अकादमिक और उद्योग कार्य को उद्देश्य, समन्वय और सहयोग को साझा करने के लिए मिलकर काम करने हेतु अवसर प्रदान किया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और इसके स्वायत्त संस्थानों ने महामारी से उत्पन्न विभिन्न चुनौतियों से संबंधित अनुसंधान और विकास तथा नवाचार के समाधान के महत्वपूर्ण प्रयास किए। इसके अलावा भविष्य में महामारी के फैलाव का पूर्वानुमान लगाने के लिए 20 प्रमुख वैज्ञानिकों का राष्ट्रीय कार्य बल गठित किया गया। उन्होंने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग और बीआईआरएसी पिछले 10 महीनों से महामारी का मुकाबला करने के लिए प्रभावी हस्तक्षेप विकसित करने के काम कर रहे हैं। इसके अलावा वैक्सीन, निदान और थेरापियोटिक्स के क्षेत्र में 120 परियोजनाओं को मदद दी जा रही है। नेशनल बायोमेडिकल रिसोर्स इंडिजेनाइजेशन के अंतर्गत 200 भारतीय विनिर्माता पंजीकृत हैं। यह मेक-इन-इंडिया पहल है, जिसके अंतर्गत 15 प्रमुख मॉलिक्यूलर बायोलॉजी तत्व और रसायन बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा जैव प्रौद्योगिकी विभाग लगभग 15 वैक्सीन कैंडीडेट को विकास में मदद दे रहा है। इनमें से तीन क्लीनिकल ट्रायल स्टेज में हैं और लगभग दो एडवांस प्री-क्लीनिकल डेवलपमेंटल स्टेज में हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पांच कोविड-19 बायोरिपॉजिटरी स्थापित की गई हैं और इनमें 40,000 सैम्पल सुरक्षित हैं, जो कि बायोमेडिकल अनुसंधानकर्ताओं के लिए उपलब्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि नई कागज आधारित निदान किट फेलुदा कोविड की जांच के लिए विकसित की गई है। टाटा संस ने इस प्रौद्योगिकी को ले लिया है और वे शीघ्र इसका निर्यात शुरू करेगा। हिन्दुस्थान समाचार/ विजयालक्ष्मी-hindusthansamachar.in

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