राष्ट्रीय योजना बनी वरदान : बिटिया के बोलने, सुनने से घर में आई रौनक
उज्जैन, 25 जुलाई (आईएएनएस)। बच्चा अगर उदास हो तो घर और आंगन में उदासी स्वभाविक है, अगर बच्चा खुशहाल हो तो परिवार में खुशहाली आ जाती है। उज्जैन में नारियल पानी का ठेला लगाने वाले सतीश सिसोदिया के घर में भी ऐसा ही हुआ, उनकी बेटी न सुन पाती थी और न ही बोल पाती थी। सतीश बेटी के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना वरदान बन गई, क्योंकि इस योजना से मिली चिकित्सा सुविधा से किंजल सुनने और बोलने लगी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महावीर खंडेलवाल ने बताया कि जान्सापुरा निवासी सतीश सिसोदिया दिनभर अपना रोजगार (नारियल पानी का ठेला) कर थके-हारे घर लौटते थे तो वे इस बात से बेहद दुखी हो जाते थे कि उनकी चार वर्षीय लाड़ली बेटी किंजल कुछ बोल नहीं पाती थी, जबकि उसकी उम्र के बच्चे ठीक प्रकार से बातें कर लेते हैं। जन्म से ही किंजल अधिकांशत: बीमार ही रहती थी। सतीष को आरबीएसके दल द्वारा गृहभेंट के समय बताया गया कि किंजलका नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना में किया जा सकता है। सतीश की पत्नी को आरबीएसके दल की बात ठीक लगी और अगले दिन पति की अनुमति लेकर ज्योति अपनी पुत्री किंजल को जांच के लिए जिला चिकित्सालय लेकर गई, जहां ईएनटी विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कर ज्योति को बताया गया कि अगले दिन उन्हें किंजल को लेकर आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन में जाने के लिए समझाया। किंजल के पिता को बताया कि संपूर्ण उपचार नि:शुल्क है और जरूरत पड़ने पर सर्जरी के लिए जो भी खर्चा आएगा, वह शासन द्वारा वहन किया जाएगा। किंजल को उसके पिता-माता आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज ले गए। वहां मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना के अंतर्गत 27 मार्च को किंजल का सफल ऑपरेशन (कॉक्लीयर एम्पलांट) करवाया गया। ऑपरेशन के लिए शासन द्वारा कुल छह लाख 50 हजार रुपये का वहन किया गया। ऑपरेशन के बाद किंजल का नियमित फॉलोअप लिया जा रहा है और उसे स्पीच थेरेपी दी जा रही है। किंजल अब सुनने और बोलने लगी है। --आईएएनएस एसएनपी/एसजीके