national-maritime-heritage-complex-to-be-developed-in-gujarat39s-lothal
national-maritime-heritage-complex-to-be-developed-in-gujarat39s-lothal

गुजरात के लोथल में विकसित होगा राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर

- पत्तन, पोत परिवहन व जलमार्ग मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय के बीच हुआ समझौता नई दिल्ली, 16 जून (हि.स.)। गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर विकसित किया जाएगा। यहां भारत की हजारों साल पुरानी जल-परिवहन शक्ति का प्रदर्शन होगा। इस संबंध में बुधवार को पत्तन, पोत परिवहन व जलमार्ग मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय के बीच समझौता हुआ। इस मौके पर पत्तन, पोत परिहन जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया और संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल मौजूद थे। इस समझौते के तहत दोनों मंत्रालय लोथल को विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करेंगे। साथ लोथल में संग्रहालय, सामुद्रिक थीम पार्क, प्रकृति संरक्षण पार्क विकसित करने की दिशा में एक दूसरे को सहयोग करेंगे। इसके साथ ही सामुद्रिक शोध संस्थान विकसित किये जाएंगे। प्रदर्शनी स्थल और गैलरी विकिसत करने की दिशा में सहयोग करेंगे। इस परियोजना के लिए संस्कृति मंत्रालय तीन किश्तों में 15 करोड़ रुपये जारी करेगा। लोथल की खोज 1954 में हुई लोथल की खोज पुरात्तवविद एसआर राव ने 1954 में की थी। उस समय भारत की सीमा में हड़प्पा की बस्तियों का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किया गया। साल 1955-56 और साल 1961-62 में यहां दो बार उत्खनन का काम किया गया। यहां हड़प्पा के दो काल का पता चला। पूर्ण विकसित हड़प्पा काल (2450-1900 ईसा पूर्व) और दूसरा हड़प्पा अतिकाल (1900-1600 ईसा पूर्व)। इसके अलावा साल 2008-2009 के बीच यूनिवर्सिटी ऑफ बोलाग्रा, इटली और भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण के बीच एक संयुक्त सहभागिता के रूप में लोथल पुनरीक्षण परियोजना के तहत डेनिम फ्रेनेज द्वारा इस स्थल पर दोबारा शोध कार्य किया गया था। हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in