नेशनल हेराल्ड केसः मोतीलाल वोरा के मृत्यु प्रमाण पत्र की वेरिफिकेशन रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश
नई दिल्ली, 12 जनवरी (हि.स.)। राऊज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले पर सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोपितों की ओर से दस्तावेजों और गवाहों को समन जारी करने की मांग पर दाखिल जवाब का प्रत्युतर दाखिल किया। आज आरोपितों की ओर से पेश वकील तरन्नुम चीमा ने इस मामले के एक आरोपित मोती लाल वोरा के निधन संबंधी सर्टिफिकेट को कोर्ट की रिकार्ड पर रखने के लिए अर्जी दाखिल की। उसके बाद कोर्ट ने संबंधित एसएचओ से इस सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी। सुनवाई के दौरान 23 दिसम्बर, 2020 को आरोपितों की ओर से विभिन्न दस्तावेजों और गवाहों को समन जारी करने की मांग करने वाली सुब्रमण्यम स्वामी की अर्जी का जवाब दाखिल किया गया। सुनवाई के दौरान आरोपितों की ओर से बताया गया था कि इस मामले के एक आरोपित मोतीलाल वोरा का 21 दिसम्बर को निधन हो गया है। वे इस संबंध में मोतीलाल वोरा का मृत्यु प्रमाण-पत्र कोर्ट में दाखिल करेंगे ताकि उनके खिलाफ कोर्ट की कार्यवाही खत्म की जा सके। सुनवाई के दौरान 5 दिसम्बर, 2020 को सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका दायर कर इस मामले में विभिन्न दस्तावेजों और गवाहों को समन जारी करने की मांग की थी। स्वामी ने याचिका दायर कर मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के सेक्रेटरी जनरल संजीव एस कलगावनार, लैंड एंड डेवलपमेंट अफसर रजनीश कुमार झा, इनकम टैक्स के डिप्टी कमिश्नर साकेत सिंह और कांग्रेस के एक नेता को समन जारी किया जाए । गौरतलब है कि 30 अगस्त, 2019 को सुब्रमण्यम स्वामी का क्रास-एग्जामिनेशन किया गया था। सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपनी याचिका में स्वामी ने लिखा है कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है। स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। गांधी परिवार ने दलील दी थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष याचिका लगाई गई है। जिन दस्तावेजों की स्वामी मांग कर रहे हैं वह कांग्रेस पार्टी और एजेएल के गोपनीय दस्तावेज हैं। यह दस्तावेज स्वामी को नहीं दिए जाने चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत-hindusthansamachar.in