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नेशनल हेराल्ड केसः राहुल और सोनिया गांधी को हाईकोर्ट का नोटिस

- सुब्रमण्यम स्वामी का क्रॉस एग्जामिनेशन कराने के फैसले पर रोक - हाई कोर्ट ने 12 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का दिया निर्देश नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट की ओर से सुब्रमण्यम स्वामी का क्रास-एग्जामिनेशन कराने के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले के आरोपितों राहुल गांधी और सोनिया गांधी समेत दूसरे आरोपितों को नोटिस जारी कर 12 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने पिछले 11 फरवरी को कहा था कि नेशनल हेराल्ड मामले में याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी के क्रास-एग्जामिनेशन के बाद ही उनकी दस्तावेजों और गवाहों को समन जारी करने के लिए दायर याचिका पर विचार किया जाएगा। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने 25 फरवरी को सुब्रमण्यम स्वामी का क्रास एग्जामिनेशन करने का आदेश दिया था। इसी आदेश को स्वामी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान 5 दिसंबर, 2020 को सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका दायर कर इस मामले में विभिन्न दस्तावेजों और गवाहों को समन जारी करने की मांग की थी। स्वामी ने याचिका दायर कर मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के सेक्रेटरी जनरल संजीव एस कलगावनार, लैंड एंड डेवलपमेंट अफसर रजनीश कुमार झा, इनकम टैक्स के डिप्टी कमिश्नर साकेत सिंह और कांग्रेस के एक नेता को समन जारी किया जाए । सुब्रमण्यम स्वामी का क्रास-एग्जामिनेशन 30 अगस्त, 2019 को किया गया था। सुब्रह्ण्यम स्वामी का आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपनी याचिका में स्वामी ने लिखा है कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है। स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। गांधी परिवार ने दलील दी थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष याचिका लगाई गई है। जिन दस्तावेजों की स्वामी मांग कर रहे हैं, वह कांग्रेस पार्टी और एजेएल के गोपनीय दस्तावेज हैं। यह दस्तावेज स्वामी को नहीं दिए जाने चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/दधिबल

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