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नासिक ने रेस टू जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य के शपथ पर किया हस्ताक्षर

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। नासिक महाराष्ट्र का पहला गैर-मेट्रो शहर बन गया है जिसने साल 2040 तक ग्रीनहाउस गैस पर शून्य होने के लिए रेस टू जीरो लक्ष्य पूरा करने पर हस्ताक्षर किए हैं। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पहले ही बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई द्वारा हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। नेट जीरो एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य एक संस्था, एक शहर या देश का लक्ष्य उत्पादित ग्रीनहाउस गैस की मात्रा और वातावरण से निकाली गई राशि के बीच संतुलन प्राप्त करना है। संयुक्त राष्ट्र का रेस टू जीरो कंपनियों, शहरों, राज्यों, क्षेत्रों, निवेशकों, विश्वविद्यालयों और अन्य अभिनेताओं का सबसे बड़ा विश्वसनीय गठबंधन है, जिसका लक्ष्य 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को आधा करना है। एनएमसी आयुक्त, कैलास जाधव ने कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र से 20.5 करोड़ रुपये का अनुदान नासिक नगर निगम (एनएमसी) के लिए बिजली श्मशान और अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकियों के निर्माण के लिए उपयोग किया जाएगा। ये सीधे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन से निपटेंगे। इसके अलावा, नासिक ने स्मार्ट सड़कों और समर्पित साइकिलिंग बुनियादी ढांचे को विकसित करके शहर में कार्बन मुक्त परिवहन को भी प्राथमिकता दी है। एक बयान में कहा गया है कि इसने इलेक्ट्रिक बसों और सीएनजी ईंधन का उपयोग करके एक स्वच्छ सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के विकास की भी योजना बनाई है। बयान में आगे कहा गया है कि रेस टू जीरो अभियान के हिस्से के रूप में, नासिक ने वायु प्रदूषण को कम करने, अधिक इलेक्ट्रिक बसों की खरीद और नगरपालिका ठोस कचरे को कम करने के लिए आक्रामक लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, शहर सौर ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देगा। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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