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मप्र बजट सत्र: विधानसभा में पटल पर रखा गया धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश

पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर कांग्रेस का हंगामा भोपाल, 24 फरवरी (हि.स.)। मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्रवाई हंगामे के साथ शुरू हुई। प्रश्नकाल के बाद संसदीय कार्य मंत्री द्वारा सरकार द्वारा लव जिहाद को रोकने के लिए लाए गए धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश को पटल पर रखा। साथ ही सहकारी सोसायटी संशोधन अध्यादेश, लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अध्यादेश, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन अध्यादेश, मध्य प्रदेश नगर पालिका विधि संशोधन अध्यादेश पटल पर रखे। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर जमकर हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन कर दिया। मप्र के बजट सत्र में बुधवार को प्रश्नकाल से सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान सरकार और विपक्ष आमने सामने हो गए। बरगी से कांग्रेस विधायक संजय यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र के बड़ा देव मंदिर के निर्माण में स्वीकृत राशि खर्च नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार आदिवासी विरोधी है। कमलनाथ सरकार ने इस मंदिर के लिए पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने एक करोड़ 99 लाख रुपये स्वीकृत किए थे लेकिन सरकार ने पूरी राशि स्वीकृत नहीं की है। इसका जवाब पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने दिया। इस पर कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम में विधायकों को शांत कराया। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन को बताया कि हमारी सरकार विकास कार्यों में किसी तरह का भेदभाव नहीं करती है। विधायक चाहे सत्ता पक्ष का हो या फिर विपक्ष का, सभी के क्षेत्र में समान रूप से विकास किया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब कर्ज माफी कमलनाथ सरकार ने की थी तब जो सूची बनी थी उसमें से बीजेपी विधायकों के क्षेत्र के किसानों के नाम गायब कर दिए गए थे। विधायक के आरोपों पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कहा कि विधायक की रूचि सिर्फ आरोप लगाने में है, न सवाल पूछने में। हमारी सरकार अनुसूचित जनजाति विरोधी नहीं है। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह ने रायसेन स्थित सोम डिस्टलरी के प्लांट में अवैध रूप से 20 स्प्रिट टैंक बनाए जाने का मामला उठाया। उन्होंने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से पूछा कि क्या सोम डिस्टलरीज ने अवैध रूप से स्प्रिट टैंक बनाए हैं? डिस्टलरीज में आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी पदस्थ रहते हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? वित्त मंत्री ने सदन में यह स्वीकार किया कि सोम डिस्टलरीज ने 20 स्प्रिट टैंक अवैध रूप से बनाए। इसके बाद गत 22 जनवरी को कंपनी को बंद करा दिया गया है। यह विभाग की बड़ी चूक है कि यह टैंक वर्ष 2014 में बनकर तैयार हो गए थे। उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि इसके लिए जो भी अधिकारी कर्मचारी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शून्यकाल के दौरान संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सरकार द्वारा लव जिहाद को रोकने के लिए लाए गए धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश को पटल पर रखा। इसके साथ ही उन्होंने सहकारी सोसायटी संशोधन अध्यादेश, लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अध्यादेश, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन अध्यादेश, मध्य प्रदेश नगर पालिका विधि संशोधन अध्यादेश भी पटल पर रखे। इसी बीच कांग्रेस विधायकों ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों का मुद्दा सदन उठाया और जमकर हंगामा किया। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि महंगाई के खिलाफ हमारा यह विरोध जारी रहेगा। कांग्रेस के विधायक महंगाई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन के बाहर चले गए। कांग्रेस के विधायक कमलेश्वर पटेल ने सीधी बस हादसे पर सदन में काम रोक कर चर्चा कराए जाने की मांग उठाई। इस पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि गंभीर मामलों में राजनीति करना ठीक नहीं है। फिलहाल, सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोंकझोक जारी है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/राजू

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