more-than-4-thousand-e-autos-will-soon-be-seen-on-the-roads-of-delhi-registration-will-start
more-than-4-thousand-e-autos-will-soon-be-seen-on-the-roads-of-delhi-registration-will-start

दिल्ली की सड़कों पर जल्द दिखेंगे 4 हजार से अधिक ई-ऑटो, रजिस्ट्रेशन शुरू

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली परिवहन विभाग ने सोमवार को 4,261 ई-ऑटो के लिए पंजीकरण की शुरूआत कर दी है। इसके साथ ही दिल्ली देश का पहला शहर बन जाएगा जहां सड़कों पर सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक ऑटो चलेंगे। अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत, दिल्ली सरकार ई-ऑटो, ई-रिक्शा और ई-कार्ट सहित इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों को अपनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। स्व-रोजगार और ई-ऑटो के व्यापक स्वामित्व का समर्थन करने के लिए, पंजीकृत मालिक को प्रति व्यक्ति एक ई-रिक्शा या एक ई-कार्ट की खरीद के लिए 30,000/- रुपये प्रति वाहन की खरीद प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। यह प्रोत्साहन सभी ई-रिक्शा और ई-कार्ट पर लागू होगा, जिसमें लेड एसिड बैटरी वाले मॉडल और स्वैपेबल मॉडल शामिल हैं, जहां वाहन के साथ बैटरी नहीं बेची जाती है। इसके अलावा, एक उन्नत बैटरी के साथ ई-रिक्शा और ई-कार्ट की खरीद के लिए (यानी, ई-रिक्शा या ई-कार्ट के रूप में एआरएआई द्वारा प्रमाणित मॉडल के लिए और उन्नत बैटरी वाले), ऋण पर 5 प्रतिशत का ब्याज सबवेंशन या किराया खरीद योजनाओं को प्रदान किया जाएगा। शहर में सड़कों पर महिलाएं भी ऑटो-रिक्शा चलाएंगी। इन महिलाओं के लिए ऑटो परमिट का 33 प्रतिशत आरक्षण होगा। ई-वाहन नीति के अनुसार, डी-पंजीकृत आईसीई वाहन से जुड़े ऑटो-रिक्शा परमिट को बिना किसी अतिरिक्त लागत के ई-ऑटो परमिट के लिए सरेंडर और एक्सचेंज किया जा सकता है। दिल्ली परिवहन विभाग की ईवी नीति बताती है, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) का उद्देश्य आईसीई समकक्षों के बजाय नए इलेक्ट्रिक ऑटो (ई-ऑटो) की खरीद और उपयोग को प्रोत्साहित करना है। साथ ही ई-ऑटो द्वारा मौजूदा सीएनजी ऑटो के प्रतिस्थापन को बढ़ावा देना है। जीएनसीटीडी द्वारा नीति के तहत सभी इलेक्ट्रिक एल5एम श्रेणी (यात्री तिपहिया या ऑटो रिक्शा) वाहनों को एफएएमई इंडिया फेस 2 के तहत पात्र होने के रूप में सूचीबद्ध उन्नत बैटरी वाले वाहनों को प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा (योजना के तहत निर्दिष्ट सभी पात्रता और परीक्षण शर्तों को पूरा करने के बाद) और इसमें स्वैपेबल मॉडल भी शामिल होंगे, जहां वाहन के साथ बैटरी नहीं बेची जाती है। --आईएएनएस एसकेके/आरजेएस

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in