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शक्ति कानून के दुरुपयोग की संभावना अधिक : अजीत पवार

मुंबई, 22 जनवरी (हि.स.)। आंध्र प्रदेश के 'दिशा' कानून की तर्ज पर बनने वाले महाराष्ट्र के 'शक्ति' कानून को लेकर उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि इस कानून के दुरुपयोग की संभावना अधिक है। इस बारे में सभी राजनीतिक दलों के साथ विचार करना आवश्यक है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने कहा कि राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे पर एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद एक सप्ताह तक राकांपा पर मीडिया में कई प्रकार की खबरें चल रही थीं, लेकिन गुरुवार को आरोप लगाने वाली महिला ने अपना आरोप वापस ले लिया है। अजीत पवार ने कहा कि पिछले 7 दिनों तक जिस मंत्री पर आरोप लगा और मीडिया ने बदनामी की, उस मंत्री को हुए मानसिक तनाव के बारे में भी राजनीतिक दलों को विचार करना चाहिए। शक्ति कानून में इस तरह के आरोपों पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन धनंजय मुंडे पर लगे आरोप और उसके बाद आरोप वापस लेने के बाद यह साबित हो गया है कि किसी पर झूठा आरोप लगाना कितना आसान है। रेणू शर्मा नामक महिला ने धनंजय मुंडे पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इसके बाद विपक्षी दल ने मुंडे का इस्तीफा मांगा था और इस्तीफे के लिए राज्यव्यापी प्रदर्शन भी किया था। गुरुवार को रेणू शर्मा ने ओशिवरा पुलिस स्टेशन में पत्र लिखकर अपनी शिकायत वापस ले ली। रेणू शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपनी शिकायत खुद वापस ली है, इसके लिए उनपर किसी भी तरह का दबाव नहीं है। उल्लेखनीय है कि विधानमंडल के पिछले साल दिसंबर में हुए दो दिवसीय शीतकालीन सत्र में महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक-2020 पेश किया गया था। दोनों सदनों से पारित होने के बाद यह विधेयक विधानमंडल की संयुक्त समिति के पास विचाराधीन है। इस विधेयक में महिलाओं और बच्चों के साथ घटित होने वाले यौन अपराधों की 15 दिनों के अंदर जांच पूरी करने और आरोप पत्र दाखिल करने एवं सुनवाई 30 दिनों के अंदर पूरी करने का प्रावधान किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर-hindusthansamachar.in

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