आर्मी बेस वर्कशॉप का आधुनिकीकरण प्रशासनिक अक्षमता से त्रस्त : सीएजी रिपोर्ट

modernization-of-army-base-workshop-plagued-by-administrative-inefficiency-cag-report
modernization-of-army-base-workshop-plagued-by-administrative-inefficiency-cag-report

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। सेना बेस कार्यशालाओं का आधुनिकीकरण प्रशासनिक अक्षमता और आधुनिकीकरण परियोजना को कार्यरूप देने के निर्णय में देरी से या तो टर्नकी आधार पर या खरीद और अन्य के संयोजन से त्रस्त था। यह बात एक रिपोर्ट में कही गई है, जिसे नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने मंगलवार को हरी झंडी दिखाई। सेना बेस कार्यशालाओं का आधुनिकीकरण और सरकार के स्वामित्व वाले ठेकेदार संचालित (जीओसीओ) मॉडल के कार्यान्वयन रिपोर्ट को मंगलवार को संसद में पेश किया गया। आर्मी बेस वर्कशॉप में भारतीय सेना के हथियारों, वाहनों और उपकरणों की मरम्मत और ओवरहाल किया जाता है। जून 2006 में, सेना मुख्यालय ने इन कार्यशालाओं के आधुनिकीकरण के लिए उनके पुराने पुराने बुनियादी ढांचे और उपलब्ध संयंत्र और मशीनरी को देखते हुए एक मामला शुरू किया। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, इन कार्यशालाओं का आधुनिकीकरण प्रशासनिक अक्षमता और आधुनिकीकरण परियोजना को टर्नकी आधार पर या खरीद/कार्यो आदि के संयोजन से निष्पादित करने के निर्णय में देरी से ग्रस्त था। 2017 में, विशेषज्ञों की समिति की सिफारिश के आधार पर, सेना ने जीओसीओ मॉडल पर कार्यशालाओं को निगमित करने का निर्णय लिया और आधुनिकीकरण कार्यक्रम को बंद कर दिया। सीएजी ने कहा कि इन कार्यशालाओं के आधुनिकीकरण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने पर किया गया 9.46 करोड़ रुपये का खर्च निष्फल रहा। इस बीच, जीओसीओ मॉडल के कार्यान्वयन में भी देरी हो रही है। जीओसीओ मॉडल को लागू करने की मूल समय-सीमा दिसंबर 2019 में समाप्त हो गई। जीओसीओ मॉडल का कार्यान्वयन मुख्यालय बेस वर्कशॉप ग्रुप द्वारा पहचाने गए जोखिमों और परिचालन चुनौतियों से भरा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बंद स्टेशन और स्थिर कार्यशाला के 1,077 प्रभावित नागरिक जनशक्ति में से 385 बेकार बैठे हैं और कार्यशालाओं में भी यही स्थिति उत्पन्न हो सकती है, अगर इन मुद्दों को जीओसीओ मॉडल को लागू करते समय हल नहीं किया जाता है। लेखापरीक्षा अनुशंसा करती है कि रक्षा मंत्रालय जीओसीओ कार्यान्वयन से संबंधित मौजूदा जनशक्ति की तैनाती सहित सभी जोखिमों को कम करने के लिए एक रणनीति तैयार करे और बिना किसी देरी के जीओसीओ के कार्यान्वयन और/या कार्यशालाओं का आधुनिकीकरण सुनिश्चित करे। --आईएएनएस एसजीके

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in