Missing scientific protocols between the slogans of self-reliant India and the nationalist vaccine: Shashi Tharoor
Missing scientific protocols between the slogans of self-reliant India and the nationalist vaccine: Shashi Tharoor

आत्मनिर्भर भारत और राष्ट्रवादी वैक्सीन के नारों के बीच गुम हुए वैज्ञानिक प्रोटोकॉल्स : शशि थरूर

नई दिल्ली, 04 जनवरी (हि.स.)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने एक बार फिर कोरोना वायरस से बचाव की स्वदेशी 'कोवैक्सीन' के आपात इस्तेमाल की मंजूरी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ ‘राष्ट्रवादी वैक्सीन’ की नारेबाजी ने तमाम वैज्ञानिक प्रोटोकॉल्स और सामान्य ज्ञान को दरकिनार कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार यथार्थ से ज्यादा नारेबाजी को तवज्जो देने में लगी है। शशि थरूर ने सरकार पर जल्दबाजी दिखाने का आरोप लगाते हुए पूछा कि तीसरे चरण के परीक्षण से पहले वैक्सीन को स्वीकृति देना कहीं गलत परिणाम तो नहीं होगा? सरकार को इस बात को जनता के सामने रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वैक्सीन की दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा काफी अच्छी है। खासकर तब जब, एक उत्पादक के तौर पर भारत पूरी दुनिया का 60 प्रतिशत टीका तैयार करता है। पोलियो व चेचक के टीकाकरण अभियानों की सफलता को देखते हुए भारत ने काफी नाम कमाया है। ऐसे में सरकार की अजीब तरह की जल्दबाजी इन दोनों साख को खतरे में डाल सकती है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि अगर कोवैक्सिन अप्रभावी हो जाती है या इसका कोई दुष्प्रभाव पड़ता है, तब सरकार क्या करेगी? क्या इन हालातों के लिए सरकार ने कोई प्लान बनाया है। केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि सरकार के लिए यथार्थ से ज्यादा नारेबाजी ज्यादा महत्व रखती है। तभी तो प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ‘राष्ट्रवादी वैक्सीन’ के नारों की गूंज के बीच तमाम वैज्ञानिक प्रोटोकॉल और सामान्य ज्ञान को दरकिनार कर दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/आकाश/सुनीत-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in