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सात करोड़ छात्रों को आजीविका योग्‍य बनाने की योजना तैयार करेगा शिक्षा मंत्रालय

नई दिल्ली, 01 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय नई शिक्षा नीति-2020 के उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को वर्ष 2035 तक 50 प्रतिशत तक बढ़ाने और 7 करोड़ छात्रों को स्थायी आजीविका के लिए रोजगार योग्य बनाने के लिए योजना तैयार करेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को यहां राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे भी मौजूद थे। बैठक के दौरान पोखरियाल ने अधिकारियों से रूसा योजना को मजबूत करने और 3.5 करोड़ अतिरिक्त छात्रों को शिक्षित करने की कार्य योजना बनाने को कहा जिससे 2035 तक सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 50 प्रतिशत तक पहुंच जाए। उन्होंने कहा, स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप रोजगार योग्य कौशल वाले कुल 7 करोड़ छात्रों को हमारे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त कर निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतिम छोर के छात्रों तक पहुंचने के लिए, देशभर में ऑनलाइन दूरस्थ शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री निशंक ने जोर देकर कहा कि शिक्षा को स्थानीय रोजगार की ओर ले जाना चाहिए। डिग्री कॉलेज में शिक्षा को "वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट" योजना के साथ जोड़ा जाना चाहिए। पोखरियाल ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), रूसा योजना के तहत धन प्राप्त करने वाले संस्थानों द्वारा किए गए कार्यों की प्रगति की निगरानी करेगा। मंत्री प्रत्येक तीन महीने में रूसा योजना की समीक्षा करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील

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