middle-howrah-will-become-the-center-of-political-turmoil-trinamool-would-like-to-put-a-hat-trick-of-victory
middle-howrah-will-become-the-center-of-political-turmoil-trinamool-would-like-to-put-a-hat-trick-of-victory

सियासी घमासान का केंद्र बनेगा मध्य हावड़ा, जीत की हैट्रिक लगाना चाहेगी तृणमूल

कोलकाता, 01 मार्च (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में चुनावी समर का आगाज होते ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस चुनाव में हावड़ा मध्य विधानसभा सीट बेहद खास है। 2011 और 2016 में यहां से तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के समय यहां भाजपा से पिछड़ गई थी। इसलिए 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा यहां अपना परचम लहराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। यहां तृणमूल कांग्रेस अपना गढ़ बचाकर जीत की हैट्रिक लगाने की जद्दोजहद में लगी है। राज्य के सहकारिता मंत्री व तृणमूल के दिग्गज मंत्रियों में से एक अरूप रॉय इस सीट से विधायक हैं। उन्हें ममता बनर्जी के खास मंत्रियों में से भी एक माना जाता है। पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अरूप रॉय को हावड़ा तृणमूल (सदर) की जिम्मेदारी भी दी है। भाजपा के प्रदेश महासचिव संजय सिंह इस सीट से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे में तृणमूल इस बार भी अरूप रॉय को यहां से मैदान में उतारकर अपनी जीत की उम्मीद कर रही है। वहीं भाजपा भी तृणमूल से एक कदम भी पीछे नहीं रहना चाहेगी। इस सीट से अरूप रॉय ने 2016 में जेडीयू के अमिताभ दत्ता को 52,994 वोटों के भारी अंतर से करारी शिकस्त दी थी। ऐसे में उम्मीद यही जताई जा रही है कि इस बार भी तृणमूल अपने मंत्री पर भरोसा जता सकती है। 2016 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार संजय सिंह 35,691 वोटों के तीसरे नंबर पर थे। अब देखना है कि 2021 के विधानसभा चुनाव में अरूप राय बनाम संजय सिंह में से किसे जनता अपना प्रतिनिधि बनाती है। संजय सिंह इस विधानसभा सीट पर चुनाव हारने के बाद भी वह पिछले चार वर्ष में दो बार वह और दो बार उनकी पत्नी ने हावड़ा नगर निगम में पार्षद चुनाव जीत चुके हैं। संजय सिंह का मध्य हावड़ा में अच्छी पैठ भी है। वह मध्य हावड़ा के लिए भाजपा के प्रबल दावेदार हैं। लेकिन मध्य हावड़ा में बांग्ला भाषी का बोलबाला है। यहां के 60 फीसदी मतदाता बांग्ला भाषी है। वे आसानी से किसी हिंदी भाषा को अपना विधायक मानने को तैयार नहीं होंगे, इस पर संशय भी बना हुआ है। ऐसे में हाल ही में तृणमूल को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हावड़ा नगर निगम के पूर्व मेयर डॉक्टर रथीन चक्रवर्ती भी मध्य हावड़ा से भाजपा उम्मीदवार बन सकते हैं। चक्रवर्ती की भी मध्य हावड़ा में अच्छी लोकप्रियता है। ऐसे में भाजपा कश्मकस में है कि संजय सिंह पर दांव आजमाए या रथीन चक्रवर्ती को मौका दिया जाए। 2016 के आंकड़े हावड़ा मध्य विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में है। साल 2016 में हावड़ा मध्य विधानसभा सीट पर कुल 72 फीसदी वोटिंग हुई थी। 2016 में यहां 245161 मतदाता थे। 53.34 फीसदी पुरुष मतदाता हैं, जबकि 46.66 फीसदी महिला मतदाता हैं। 2019 में यहां भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा था। उम्मीद है कि इस सीट पर इस बार भी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में ही कड़ा मुकाबला होगा। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in