कोरोना के नए मामले आने की रफ्तार 3.4 प्रतिशत, मार्च में यह था 31 प्रतिशत - स्वास्थ्य मंत्रालय
कोरोना के नए मामले आने की रफ्तार 3.4 प्रतिशत, मार्च में यह था 31 प्रतिशत - स्वास्थ्य मंत्रालय

कोरोना के नए मामले आने की रफ्तार 3.4 प्रतिशत, मार्च में यह था 31 प्रतिशत - स्वास्थ्य मंत्रालय

- जनसंख्या के हिसाब से 10 लाख की आबादी में 657 कोरोना के मामले - 86 प्रतिशत कोरोना के मामले दस राज्यों में, 22 राज्यों में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंड के हिसाब से टेस्टिंग नई दिल्ली, 14 जुलाई (हि.स.)। देश में भले ही रोजाना कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हों लेकिन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी राजेश भूषण का कहना है कि देश में नए मामले आने का प्रतिशत 3.4 है। यही दर मार्च के महीने में 31 प्रतिशत थी। मंगलवार को प्रेस वार्ता में राजेश भूषण ने बताया कि देश में दस लाख लोगों में 657 कोरोना संक्रमित है। वहीं देश में कोरोना से होने वाली मौत का प्रतिशत भी 2.6 प्रतिशत पर आ गया है। कई राज्यों में तो यह प्रतिशत 1 से भी कम है। राजेश भूषण ने बताया कि देश में टेस्टिंग की संख्या तेजी से बढ़ाई गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार 10 लाख की आबादी पर 140 लोगों की टेस्टिंग करना सही कदम है। इस मापदंड पर देश के 22 राज्य खरे उतरते हैं। वहां प्रति दस लाख की आबादी पर 140 लोगों के टेस्ट किए जा रहे हैं। एक्टिव मामले से रिकवरी रेट 1.8 गुना अधिक स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी ने बताया कि देश में एक्टिव मामले 3 लाख 11 हजार से ज्यादा है। जबकि ठीक हो चुके लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मौजूदा समय में 5 लाख 71 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। इन दोनों के बीच अच्छा अंतर देखने को मिल रहा है। मौजूदा समय में एक्टिव मामले से रिकवरी रेट 1.8 गुना अधिक है। 20 राज्यों में रिकवरी रेट राष्ट्रीय रिकवरी रेट 63 प्रतिशत से अधिक है। 10 राज्यों में कोरोना के 86 प्रतिशत मामले राजेश भूषण के अनुसार देश में कोरोना के 86 प्रतिशत मामले दस राज्यों तक सीमित हैं। इनमें से भी 50 प्रतिशत मामले तमिलनाडु और महाराष्ट्र से हैं। देश में एक ही गति से कोरोना नहीं फैल रहा है। देश में टेस्टिंग की क्षमता का विकास रोजाना हो रहा है। मार्च में लैब की संख्या 101 थी, जो अब बढक़र 1206 लैब हो चुके हैं। इनमें से 853 सरकारी और 353 निजी लैब हैं। मंत्रालय अब ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग पर फोकस कर रहा है। ताकि कोरोना के मामले को जल्दी ही पकड़ पाएं और समय पर इलाज किया जा सके। लोगों को भी हैंड हाइजीन, मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना जारी रखना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/विजयलक्ष्मी/बच्चन-hindusthansamachar.in

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