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केंद्र शासित प्रदेश बनने पर जम्मू-कश्मीर में कई सुधार किए गए : जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में कई शासन सुधार पेश किए गए, जो पहले नहीं थे। जम्मू और कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत के भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम को इसके संशोधित रूप के साथ पिछले साल जम्मू-कश्मीर में पेश किया गया था, जबकि अतीत में तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य सरकार ने अपना खुद का भ्रष्टाचार विरोधी कानून लागू किया था। मंत्री ने कहा, नया अधिनियम न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में अधिक प्रभावी होगा, बल्कि ईमानदारी से कार्य करने वाले अधिकारियों को कई सुरक्षा उपाय भी प्रदान करेगा, उदाहरण के लिए, रिश्वत देने वाला उतना ही दोषी होगा जितना कि रिश्वत लेने वाला और एक अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति होगी। सभी स्तरों पर प्राप्त किया जाना था, जबकि पूर्व में यह विशेषाधिकार केवल संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के स्तर के अधिकारियों के लिए उपलब्ध था। उन्होंने कहा कि केवल लिखित परीक्षा के आधार पर भर्ती के लिए साक्षात्कार की समाप्ति भी हाल ही में जम्मू-कश्मीर में शुरू की गई थी। मंत्री ने खेद व्यक्त किया कि कई वर्षो तक, पूर्ववर्ती राज्य सरकार द्वारा सिविल सेवा अधिकारियों की कैडर समीक्षा को स्थगित या विलंबित किया गया था, लेकिन अब केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारी सीधे केंद्र और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को रिपोर्ट कर रहे हैं। डीओपीटी ने कैडर समीक्षा में तेजी लाने की कवायद शुरू कर दी है। मंत्री ने कहा कि इससे समय पर पदोन्नति के साथ-साथ यूटी अधिकारियों को आईएएस जैसी अखिल भारतीय सेवाओं में शामिल करने में भी मदद मिलेगी। सिंह ने जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों से केंद्र के साथ-साथ कई राज्य सरकारों में शासन में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों में दोहराने का भी आह्वान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर को जिस तरह के संरक्षण और समर्थन की पेशकश की जा रही है, उसके साथ मंत्री ने कहा कि यह वहां के प्रशासकों और सिविल सेवकों के लिए एक नई कार्य संस्कृति स्थापित करने का एक अवसर था, जिसका उद्देश्य जीवन में आसानी के अंतिम उद्देश्य को प्राप्त करना था। नए लोकाचार और प्रथाओं के साथ खुद को सशक्त बनाने के लिए अब प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके अधिकारियों को प्रोत्साहित करते हुए, उन्होंने कहा कि डीओपीटी एक अधिकारी के अनुकूल वातावरण प्रदान करना चाहता है जो प्रशासनिक प्रणाली को लोगों के लिए काम करने के लिए प्रेरित करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि शिकायतों का कुशल तरीके से शीघ्रता से निपटारा किया जाएगा। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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