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पदयात्रा कर बोलीं ममता, कोलकाता घोषित हो देश की राजधानी

कोलकाता, 23 जनवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचने से पहले अपने पार्टी नेताओं को साथ लेकर आठ किलोमीटर की पदयात्रा की है। साथ ही कोलकाता सहित देश के चार हिस्सों में चार राजधानी घोषित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि केवल दिल्ली ही क्यों राजधानी हो? कोलकाता भी देश की राजधानी हो। देश के चार स्थानों में देश की राजधानी रहे। दक्षिण भारत कर्नाटक, आंध्र प्रदेश या अन्य राज्य, पूर्व में बिहार, ओडिशा, बंगाल और बिहार में हो राजधानी, उत्तर पूर्व के राज्यों में राजधानी हो। केवल दिल्ली तक ही सीमाबद्ध क्यों रहे? दिल्ली में सभी आउडसाइडर हैं। संसद का सत्र देश के सभी भागों में हो। केवल एक स्थान पर संसद का सत्र क्यों होगा ? देश के अन्य राज्यों में पारी-पारी से संसद का सत्र क्यों नहीं होगा? उन्होंने कहा कि बंगाल का स्वतंत्रता संग्राम में काफी योगदान रहा है। बंग भंग आंदोलन की शुरुआत बंगाल से हुई है। भारतीय पुनर्जागरण का शुरुआत बंगाल से हुई थी। बंगाल ने कभी भी किसी के सामने सिर नहीं झुकाया था। उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन पार्टी और वन वोट की बात कही जा रही है। इतिहास की गलत व्याख्या की जा रही है। इतिहास को झुठलाया जा रहा है। बिना बात किए केंद्र ने घोषित किया पराक्रम दिवस इस दौरान ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि नेताजी जयंती को पराक्रम दिवस घोषित करने से पहले केंद्र सरकार ने किसी से कोई बात नहीं की। ना ही किसी विपक्षी नेता को इस बारे में कोई जानकारी दी गयी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस देश प्रेम के प्रतीक थे। कौन-कौन से नेता हुए शामिल ममता बनर्जी के नेतृत्व में श्यामबाजार पांच माथा मोड़ से लेकर मेयो रोड स्थित गांधी मूर्ति तक पदयात्रा निकाली गयी। सायरन की आवाज और शंख बजाकर पदयात्रा की शुरुआत की गयी थी। इस अवसर पर एमपी सुदीप बनर्जी, एमपी नुसरत जहां सहित अन्य उपस्थित थे। पश्चिम बंगाल इस दिन को देशनायक दिवस के रूप में पालन कर रही है। हिन्दुस्थान समाचार/ ओम प्रकाश/सुगंधी-hindusthansamachar.in

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