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ममता को लग सकता है एक और झटका, मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास ने दिये तृणमूल छोड़ने के संकेत

ओम प्रकाश कोलकाता, 23 फरवरी (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। 10 सालों तक उनके बेहद करीब रहे अल्पसंख्यक और पिछडा कल्याण विभाग के मंत्री उपेंद्र नाथ विश्वास ने भी अब उनसे दूरी बना ली है। विश्वास ने मीडिया के कैमरों के सामने स्वीकार किया है कि उनकी पार्टी और सरकार में भ्रष्टाचार पांव पसार चुका है और वह सत्य को पराजित होता हुआ नहीं देख सकते। विश्वास ने कहा कि 2011 में उन्होंने राजनीति में इसलिए कदम रखा क्योंकि बंगाल के हालत खस्ताहाल थे और ममता बनर्जी यहां परिवर्तन के लिए लड़ रही थीं। खुद ममता के अनुरोध पर 2011 में पहली बार विधायक के तौर पर चुनाव लड़े और जीत गए थे। पांच सालों तक सरकार में रहने के बाद 2016 में उनकी हार हो गई लेकिन ममता बनर्जी से बेहतर संबंधों का ही नतीजा था कि उन्हें अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग विकास निगम का अध्यक्ष बना दिया गया जो कैबिनेट मिनिस्टर रैंक का पद है। इन सबके बावजूद चुनावी मौसम में ममता बनर्जी से बढ़ रही दूरियों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि 10 सालों के दौरान भ्रष्टाचार ने पार्टी और सरकार को जकड़ लिया है। इसी वजह से मैं अब इनके साथ फिट नहीं बैठ रहा और धीरे-धीरे मुझे संगठन के कार्यों से किनारे लगा दिया गया है। मुझे पार्टी की बैठकों में नहीं बुलाया जाता, कार्यक्रम की सूचना नहीं दी जाती है और ना ही कोई सलाह ली जाती है। जाहिर सी बात है जब बात धर्म और अधर्म की लड़ाई की हो तो अधर्म के साथ नहीं रहा जा सकता। विश्वास ने स्पष्ट किया कि वह और अधिक ममता बनर्जी के साथ नहीं रहेंगे और जल्द ही अपने राजनीतिक कदम के बारे में घोषणा कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की पार्टी के कई नेता, मंत्री विधायक और सांसद भाजपा का दामन थामकर ममता के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। अब उपेंद्रनाथ विश्वास भी इस सूची में शामिल होने वाले हैं। उपेंद्रनाथ विश्वास का परिचय केवल एक राजनीतिज्ञ अथवा मंत्री के तौर पर नहीं है बल्कि वह देश के जाने-माने नौकरशाहों में गिने जाते रहे हैं और बिहार में उनका कार्यकाल काफी चर्चित रहा था । वह सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक के पद से 2002 में सेवानिवृत्त हुए और नौ साल बाद उन्होंने ममता बनर्जी के जरिये राजनीति में कदम रखा। हिन्दुस्थान समाचार

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