राममंदिर शिलान्यास को राजनीति से दूर रखा जाए : शिवपाल सिंह यादव
राममंदिर शिलान्यास को राजनीति से दूर रखा जाए : शिवपाल सिंह यादव

राममंदिर शिलान्यास को राजनीति से दूर रखा जाए : शिवपाल सिंह यादव

राममंदिर शिलान्यास को राजनीति से दूर रखा जाए : शिवपाल सिंह यादव इटावा। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण पर राजनीति करने की बजाय। इसका शिलान्यास किसी महान संत से कराया जाना चाहिए। श्री यादव ने गुरूवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मंदिर निर्माण का रास्ता खोल दिया है। अब शिलान्यास को राजनीति से दूर रखा जाय। इसका शिलान्यास किसी महान संत से कराया जाना चाहिये। बता दें कि आगामी 5 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सभी की आस्था के प्रतीक हैं और उनके मंदिर के निर्माण का मार्ग उच्चतम न्यायालय ने प्रशस्त किया है। यह मेरी निजी राय है कि अब इसमें किसी तरह की राजनीति करने के बजाय इसकी शुरूआत किसी बड़े संत से करायी जानी चाहिये। यही सबसे अच्छा होगा। कोरोना संक्रमित मरीजों को सभी जरूरी सुविधाएं हों उपलब्ध : सीएम योगी श्री यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान नौकरशाही के पूरी तरह से बेलगाम हो गयी है। थाने और तहसील भ्रष्टाचार में आकंठ तक डूबे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ईमानदारी का नौकरशाही में बैठे कुछ लोगों ने बहुत ही गलत फायदा उठाया। इसका परिणाम यह हुआ कि प्रदेश के करोड़ों लोगों को भारी कठिनाइयों से जूझना पड़ा है। यहां तक कि एक हजार किलोमीटर पैदल चलकर अपने घरों को लौटे मजदूरों को सूबे की नौकरशाही के कारण कोई राहत नहीं मिल पायी। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं एक तो संक्रमण का खतरा दूसरे थानों तथा तहसीलों सहित बिजली विभाग में पनपे भ्रष्टाचार के कारण जनता की कमर ही टूट गई। गत चार महीनों के दौरान नहरें सूखी रहने से जहां किसान अपनी धान की नर्सरी समय पर लगाने में विफल रहे और फुके बिजली के ट्रांसफार्मर 24 घंटे में बदलने के बजाय बिजली महकमा वसूली में जुटा रहा। श्री यादव ने कहा कि इटावा के ही बिजली अधिकारियों की यदि ईमानदारी के साथ जांच कराली जाये तो यह करोड़पति निकलेंगे। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के नाम पर व्यापारी, जनता सब लुट गये। कोरोना काल के दौरान सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की मानो दम ही निकल गई, किसी डाक्टर ने सुविधाओं के अभाव में बीमारों को देखना और दवा देना तो दूर की बात है उसका हाथ तक नहीं पकड़ा गया। यह सरकारी तंत्र की विफलता का सबसे सटीक नमूना है। उन्होंने कहा कि वह पहले भी किसान मजदूरों से जुड़े तहसीलों और पुलिस थानों में भ्रष्टाचार को लेकर विरोध जाहिर कर चुके थे। योगी सरकार के दौरान इनमें पनपे भ्रष्टाचार पर अंकुश की उम्मीद थी। वह नौकरशाही ने पूरी नहीं होने दी है। Thank You, Like our Facebook Page - @24GhanteUpdate 24 Ghante Online | Latest Hindi News-24ghanteonline.com

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