कोविड-19 की 4 वैक्सीन बंदरों पर सफल ट्रायल, इंसानों से बस एक कदम दूर
कोविड-19 की 4 वैक्सीन बंदरों पर सफल ट्रायल, इंसानों से बस एक कदम दूर

कोविड-19 की 4 वैक्सीन बंदरों पर सफल ट्रायल, इंसानों से बस एक कदम दूर

कोविड-19 की 4 वैक्सीन बंदरों पर सफल ट्रायल, इंसानों से बस एक कदम दूर नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कह रहा है कि अभी कुछ वक़्त के लिए दुनिया को कोरोना वायरस के साथ जीना सीख लेना चाहिए, लेकिन इसी बीच कोविड-19 वैक्सीन बना रहीं टीमों से भी अच्छी खबर आ रही हैं। दुनियाभर में करीब 25 वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के दौर में है, जिनमें से दो भारत की हैं। दुनिया भर में 4 ऐसी वैक्सीन हैं जो इस दौड़ में सबसे आगे हैं और बंदरों पर इनका प्रयोग सफल रहा है। इन वैक्सीन का इंसानों की सीमित संख्या पर प्रयोग भी हो चुका है बस अब बड़े दलों और गंभीर मरीजों पर इनका परीक्षण शुरू कर दिया गया है। एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन के परीक्षण के बेहद उत्साहपूर्ण नतीजे पहली एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन (Oxford/AstraZeneca’COVID19 vaccine) AZD1222 के परीक्षण के बेहद उत्साहपूर्ण नतीजे आ रहे हैं। इस वैक्सीन का तीसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल जारी है। वहीं, दूसरे चरण के नतीजों को लेकर कंपनी ने खुशी जताई है। जल्द ही इसका डेटा साइंस जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा। As we announce our first half results and company progress today, we are particularly proud of the continued supply of our medicines to millions of patients throughout the #COVID19 pandemic. https://t.co/LQdZFGVapw https://t.co/bMJyVWVKMe $AZN — AstraZeneca (@AstraZeneca) July 30, 2020 कंपनी के चीफ एक्जिक्यूटिव पास्कल सोरिट्स ने कहा कि वैक्सीन का विकास बहुत अच्छा चल रहा है। हमें वैक्सीन के परीक्षण को लेकर अब तक का सबसे अच्छा डेटा मिल रहा है। इसे जिन वॉलंटियर्स को दिया गया था, उनके शरीर में वायरस के खिलाफ लड़ने वाली एंटीबॉडी के साथ-साथ वाइट ब्लड सेल्स के किलर सेल्स, T-cells भी पाए गए हैं। उधर ब्रिटेन में ही जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) की वैक्सीन ने भी ऐसे ही नतीजे दिए हैं। नीदरलैंड्स को भी वैक्सीन के ट्रायल में बड़ी कामयाबी मिली दूसरी नीदरलैंड्स को भी वैक्सीन के ट्रायल में बड़ी कामयाबी मिली है। वैक्सीन की एक सिंगल डोज से बंदरों में कोरोना वायरस संक्रमण को पूरी तरह रोकने में मदद मिली है। वैक्सीनेशन के बाद लगभग सारे बंदरों में एंटीबॉडीज बनीं और T सेल्स की। जब वायरस से बंदरों को एक्सपोज कराया गया तो सारे बंदरों के फेफड़ों में इन्फेक्शन नहीं हुआ। छह में से पांच बंदरों की नाक में भी वायरस की मात्रा नहीं मिली। तीसरी कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने के लिए दुनियाभर में करीब 180 विकल्पों पर इस वक्त काम चल रहा है। अलग-अलग रिसर्च में सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं। अमेरिका की Moderna Inc की वैक्सीन mrna1273 इंसानों पर पहले ट्रायल में सफल भी रही है। मॉडर्ना की वैक्सीन के बंदरों पर ट्रायल के नतीजे भी शानदार रहे थे। यानी अब तक कुल चार वैक्सीन ऐसी रही हैं जिन्होंने बंदरों में पूरी तरह कोरोना इन्फेक्शन को रोकने में कामयाबी पाई है। Just published in @NEJM : Evaluation of the mRNA-1273 Vaccine against SARS-CoV-2 in Nonhuman Primates. Read the manuscript here: https://t.co/wCfuu7z1WI — Moderna (@moderna_tx) July 28, 2020 रूस और चीन की एक-एक वैक्सीन दुनियाभर में सबसे आगे रूस और चीन की एक-एक वैक्सीन दुनियाभर में सबसे आगे है। ये दोनों भी इंसानों पर ट्रायल के एडवांस्ड स्टेज में हैं। रूस ने 10 अगस्त तक दुनिया की पहली कोरोना वायरस की वैक्सीन को मंजूरी देने की योजना बनाई है। One of China's leading scientists has been injected with an experimental #coronavirus vaccine to encourage the public to follow suit when one is approved https://t.co/nti4DUKhIU — SkyNews (@SkyNews) July 28, 2020 वैक्सीन के मंजूरी मिलने के तीन-चार दिन बाद संस्थान बाजार में वैक्सीन उतार सकता है। सूत्रों ने बताया, ‘पंजीकरण के दस्तावेज 10-12 अगस्त तक तैयार हो जाने चाहिए। इसके बाद बाजार में इसके 15-16 अगस्त तक उतरने की संभावना है। न्यूज चैनल सीएनएन ने बताया कि रूस 10 अगस्त तक वैक्सीन को मंजूरी देने की योजना बना रहा है, जिसे मॉस्को स्थित गामालेया महामारी संस्थान ने बनाया है। Thank You, Like our Facebook Page - @24GhanteUpdate 24 Ghante Online | Latest Hindi News-24ghanteonline.com

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