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मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु चुनाव आयोग से ग्रामीण चुनावों को लेकर अन्नाद्रमुक की याचिका पर मांगा जवाब

चेन्नई, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु राज्य चुनाव आयोग को ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनाव और सुरक्षा पहलुओं के संचालन के संबंध में प्रमुख विपक्षी दल अन्नाद्रमुक की याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया। ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनाव कांचीपुरम, चेंगलपट्ट, तेनकासी, कल्लाकुरिची, रानीपेट, वेल्लोर, तिरुप्पथुर, विल्लुपुरम और तिरुनेलवेली जिलों में 6 अक्टूबर और 9 अक्टूबर को होने हैं। मद्रास हाईकोर्ट की पहली पीठ में मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति पी.डी. ऑडिकेसवालु ने टीएनएसईसी को केंद्रीय और राज्य पर्यवेक्षकों की पोस्टिंग, केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती और ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के संबंध में अन्नाद्रमुक के अनुरोधों का जवाब देने का निर्देश दिया। अदालत ने 14 सितंबर को अन्नाद्रमुक की चुनाव शाखा के उप सचिव आईएस इनबादुरै द्वारा दायर एक याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को एक सप्ताह के भीतर याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, एसईसी को आज से एक सप्ताह के भीतर 14 सितंबर को प्रधान विपक्षी दल, अन्नाद्रमुक की याचिका का जवाब देना चाहिए। पीठ ने राज्य चुनाव आयोग से स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया। पहली पीठ ने कहा, हम चाहते हैं कि आप (एसईसी) एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करें जहां लोगों को अपनी पसंद का प्रयोग करने का अधिकार है और उस विकल्प का सम्मान किया जाना है। अन्नाद्रमुक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विजय नारायणन ने जोर देकर कहा कि प्रति पंचायत कम से कम एक पर्यवेक्षक को नामित किया जाना चाहिए और उन्हें सरकारी सेवाओं, केंद्र या राज्य सरकार से लिया जाना चाहिए। अन्नाद्रमुक के वकील यह भी चाहते थे कि स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया जाए जहां वोट डालने के बाद मतपत्र रखे जाते हैं। उन्होंने बूथों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और सीसीटीवी कैमरों और वेबकैम का उपयोग करके चुनाव प्रक्रिया के लिए भी तर्क दिया। प्रमुख विपक्षी दल का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता ने अदालत के समक्ष यह भी कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने 14 सितंबर को दायर अन्नाद्रमुक की याचिका का जवाब नहीं दिया है। मद्रास उच्च न्यायालय की पहली पीठ ने एसईसी को 29 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को 30 सितंबर के लिए पोस्ट कर दिया। --आईएएनएस एसकेके/आरजेएस

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