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(लीड) सबका साथ सबका विकास के साथ देश आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसरः प्रधानमंत्री

-कहा- किसान अब अन्नदाता ही नहीं ऊर्जा दाता भी -प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केरल में बिजली व शहरी विकास की कई परियोजनाओं की शुरुआत की नई दिल्ली, 19 फरवरी(हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केरल में शुक्रवार को बिजली और शहरी क्षेत्रों की कई प्रमुख परियोजनाओं का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके अलावा उन्होंने 320 केवी पुगलुर (तमिलनाडु) व त्रिशूर (केरल) बिजली पारेषण परियोजना का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने 50 मेगावाट की कसारगोड सौर ऊर्जा परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि केरल में कई परिय़ोजनाओं की शुरुआत हो रही है, जिससे वहां के लोगों की जिन्दगी और बेहतर होगी। उन्होंने इस बात की भी खुशी जताई कि बिजली परियोजना में एचवीडीसी तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है, जो भारत में तैयार किया गया है। इससे यह सिद्ध होता है कि देश आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र को भी महत्वपूर्ण मानता है। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब किसान अन्नदाता होने के साथ ऊर्जादाता भी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम कुसुम ऊर्जा के तहत 20 लाख किसानों को सौर पैनल दिया गया है। इससे पिछले 6 सालों में सौर ऊर्जा के उत्पादन में 13 गुना बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे शहर विकास के वाहक व पावर हाउस हैं। शहरों का तेजी से विकास किया जा रहा है। सरकार 54 शहरों में कमांड सेंटर लगा चुकी है और 30 ऐसी योजनाओं पर काम किया जा रहा है। केरल में कोची औऱ तिरुवंतपुरम को स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जा रहा है। कोची में तो कमांड सेंटर लगाया जा चुका है, जो महामारी के दौरान से ही कार्यरत है। दोनों स्मार्ट शहरों में 773 करोड़ रुपये की 27 परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। 2000 करोड़ की योजनाएं अभी पाइपलाइन में है। जल योजना से करीब ढाई लाख घरों में पानी की सप्लाई हो सकेगी। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती का जिक्र करते हुए कहा कि शिवाजी ने भारत के लोगों को प्रेरित किया है। शिवाजी महाराज ने तटीय क्षेत्रों में काफी काम किया है। वहां के विकास औऱ मछुआरों की जिंदगी में सुधार के लिए भी काम किया है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में ब्लू इकॉनॉमी काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। केरल के कवि कुमार आसन की बातों को कोट करते हुए कहा कि जाति, धर्म से ऊपर उठकर सभी को बुनियादी सुविधाएं व विकास की बात पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कवि ने कहा था कि मैं आपसे जाति नहीं पूछ रहा हूं, मैं आपसे पानी मांग रहा हूं। उल्लेखनीय है कि आज प्रधानमंत्री ने 320 केवी पुगलुर (तमिलनाडु) व त्रिशूर (केरल) बिजली पारेषण परियोजना का उद्घाटन किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने 50 मेगावाट की कसारगोड सौर ऊर्जा परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित किया। यह अत्याधुनिक हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) परियोजना है। यह परियोजना 5,070 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है और इससे पश्चिमी क्षेत्र से 2000 मेगावाट बिजली भेजने की सुविधा मिलेगी तथा केरल में मांग को पूरा किया जा सकेगा। इस परियोजना को राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन के तहत विकसित किया गया है। केंद्र सरकार ने कसारगोड़ जिले में 250 एकड़ भूमि पर तैयार इस परियोजना में लगभग 280 करोड़ रुपये का निवेश किया है। एकीकृत कमान और नियंत्रण केन्द्र की रखी आधारशिला अन्य परियोजनाओं के बीच प्रधानमंत्री तिरुवनंतपुरम में एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र की आधारशिला रखी। इस पर 94 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके अलावा तिरुवनंतपुरम में स्मार्ट सड़कों की परियोजना का भी शिलान्यास किया, जिसकी अनुमानित लागत 427 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के तहत राज्य की राजधानी में 37 किमी. मौजूदा सड़कों को विश्व स्तरीय स्मार्ट सड़कों में बदलने की योजना है। इस मौके पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान व शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/ विजयालक्ष्मी

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