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विशाखापट्टनम स्टील प्लांट को बंद करने संबंधी केन्द्रीय वित्त मंत्री के बयान पर भड़के प्लांटकर्मी, प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज

विशाखापट्टनम, 09 मार्च (हि.स.)। विशाखापट्टनम इस्पात उद्योग का निजीकरण करने के केन्द्र सरकार के फैसले के विरोध में इस्पात श्रमिकों और स्थानीय लोगों ने अपना आंदोलन कल रात से ही तेज कर दिया है। आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शन कर सड़क पर जाम लगा दिया। मंगलवार को प्लांट के प्रशासनिक भवन की घेराबंदी करने जा रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया। इसी बीच राज्य के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर प्लांट को बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। दरअसल, सोमवार को संसद में विशाखापट्टनम के सांसद एमवीवी सत्यनारायण के स्टील प्लांट के निजीकरण करने पर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इस प्लांट का शत प्रतिशत निजीकरण होगा और इसमें केंद्र सरकार अपना निवेश भी वापस ले लेगी। वित्त मंत्री के इस जवाब से विशाखापट्टनम में इस्पात श्रमिकों और स्थानीय नेताओं में आक्रोश बढ़ गया है। सोमवार रात को ही प्लांट के श्रमिकों और स्थानीय लोगों ने चेन्नई-कोलकाता राजमार्ग पर स्थित कुर्मानापलम जंक्शन पर स्टील प्लांट के मुख्यद्वार पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र व राज्य सरकारों के खिलाफ नारेबाजी की और संसद में दिए गए वित्त मंत्री के बयान की प्रतियां जलाईं। समाचार लिखे जाने तक प्रदर्शनकारियों का धरना जारी था। मंगलवार को स्टील फैक्ट्री संघर्ष समिति ने विशाखापट्टनम स्टील प्लांट की प्रशासनिक बिल्डिंग की घेरने की कोशिश की। प्रदर्शन को देखते हुण् विशाखापट्टनम में बड़ी संख्या में पुलिस और सुरक्षा बल तैनात किया गया है। धरना स्थल पर स्थिति तनावपूर्ण है। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के रुख के विरोध में क्षेत्र के सभी सांसदों से इस्तीफा देने की मांग करने वाले नारे लगाए। प्रशासनिक बिल्डिंग की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इसी बीच जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने विशाखापट्टनम स्टील प्लांट के निजीकरण करने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री रेड्डी ने इस पत्र में सोमवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि केंद्र का बयान गंभीर चिंता का विषय है। विशाखापट्टनम स्टील प्लांट आंध्र के लोगों की भावनाओं से जुड़ा है। यहां के लगभग 20,000 परिवारों की राेजी रोटी सीधे स्टील प्लांट पर ही निर्भर है। हिन्दुस्थान समाचार/नागराज

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