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कर्नाटक के मंत्री ने कोविड पीड़ितों के 1,200 लावारिस शवों का किया पिंडदान

बेंगलुरु, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक सरकार सोमवार को मांड्या जिले में श्रीरंगनपट्टन के पास कावेरी नदी के तट पर गोसाई घाट पर 1,200 कोविड -19 पीड़ितों के लावारिस शवों के लिए पिंडा प्रदाना समारोह आयोजित किया गया। पिंड हिंदू अंतिम संस्कार और पूर्वजों की पूजा के दौरान पूर्वजों को चढ़ाए गए घी और काले तिल के साथ पके हुए चावल से किया जाता हैं। गरुड़ पुराण (हिंदू धार्मिक ग्रंथ) में परंपराओं के अनुसार हाल ही में दिवंगत आत्मा को पिंड चढ़ाने से आत्मा को उसके पूर्वजों के साथ जोड़ने में मदद मिलती है। समारोह में राजस्व मंत्री आर. अशोक, मांड्या जिले के उपायुक्त एस. अश्वथी, सरकार के अवर सचिव मंजूनाथ प्रसाद और खेल एवं युवा मामलों के मंत्री नारायण गौड़ा ने समारोह में हिस्सा लिया। इससे पहले, मंत्री अशोक ने बेंगलुरु और आसपास के क्षेत्रों के इन 1,200 लावारिस शवों के लिए 2 जून को अस्थिवसर्जन (नदी में शवों की राख को विसर्जित करने का समारोह) में हिस्सा लिया था। समारोह मांड्या जिले के बेलकावाड़ी में श्री काशी विश्वनाथेश्वर मंदिर के पास कावेरी नदी में आयोजित किया गया था। यह स्थान दक्षिण काशी के नाम से जाना जाता है। सुबह आठ बजे के करीब 1,200 लोगों के पिंडा प्रदाना समारोह के लिए भगवान गणेश की पूजा के साथ पूजा शुरू हुई। मृत व्यक्तियों की अस्थियों में विसर्जित करने के बाद, मंत्री अशोक श्री रंगनाथेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। बाद में, वह एक अन्य धार्मिक समारोह में भी भाग लेंगे जिसमें दिवंगत आत्माओं की पूजा की जाती है। धार्मिक आयोजन के प्रभारी डॉ भानु प्रकाश शर्मा ने बताया कि समारोह के बाद गणमान्य व्यक्ति वहां दोपहर का भोजन करेंगे। दूसरी कोविड लहर के दौरान, बेंगलुरु ने नई दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा कोविड की मौत दर्ज की। श्मशान घाट के पास लंबी कतारें लगी हुई थीं और लोग परिवार के सदस्यों का अंतिम संस्कार करने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे। बेंगलुरु और आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में लावारिस शव थे और सरकार ने शहर के बाहरी इलाके में अंतिम संस्कार की व्यवस्था की थी। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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