कर्नाटक: सरकार पीपीपी मॉडल में और मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की इच्छुक: डॉ.के.सुधाकर
बेंगलुरु, 29 दिसम्बर (हि.स.)। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कहा है कि सरकार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) में और मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की इच्छुक है। प्रदेश को डॉक्टरों की मांग को पूरा करने के लिए और अधिक मेडिकल कॉलेजों की आवश्यकता है। मंगलवार को डॉ सुधाकर शिवाजीनगर में स्व.अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर के नए भवन का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पीपीपी मॉडल में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 600 से 700 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। यह सरकारी खजाने पर बोझ को कम करने के साथ जरूरतमंदों को सस्ती चिकित्सा शिक्षा और उपचार प्रदान करने में मदद करता है। इस मॉडल को गुजरात में अपनाया जा रहा है और यहां भी लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अपने राज्य में भी एक एम्स लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया पहले से ही प्रगति पर है और जल्द ही राज्य में एक एम्स कार्यात्मक होगा। डॉ सुधाकर ने कहा कि गत 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के समय स्वास्थ्य नीति तैयार की गई थी। 15 साल बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार 2017 में नई जरूरतों के लिए एक और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति ले आई। अब राज्य में जल्द ही नई स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा नीति बनाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि नवनिर्मित अटल बिहारी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 150 छात्रों के लिए सुविधाएं हैं। डॉ सुधाकर ने कहा कि वह जिला अस्पतालों की बिस्तर क्षमता में वृद्धि, बेहतर बुनियादी ढांचा प्रदान करने के सतह हॉस्टल सम्बन्धी सुविधाओं का निर्माण भी कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/नूरुद्दीन रहमान/बच्चन-hindusthansamachar.in