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कानपुर: हृदय रोग संस्थान में लगी आग में फंसे डेढ़ सौ मरीजों की बचाई गई जान : पुलिस कमिश्नर

- दमकल की टीम ने जान जोखिम में डालकर मरीजों को निकालने के लिए किया सफल रेस्क्यू - कानपुर परिक्षेत्र के सबसे बड़े कार्डियोलॉजी अस्पताल में लगी आग की होगी सघन जांच अजय सिंह कानपुर, 28 मार्च (हि.स.)। कानपुर परिक्षेत्र के सबसे बड़े हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) अस्पताल में रविवार को प्रथम तल में अचानक आग लग गई। आग देख वार्ड में भर्ती मरीजों व तीमारदारों में चीख पुकार मच गई। आग की जानकारी पर अस्पताल स्टॉफ में हड़कंप मच गया और सभी मरीजों को वार्ड से लेकर बाहर भागने लगे। सूचना पर दमकल की कई टीमें पहुंचकर कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया और अपनी जान को जोखिम में डाल दमकल कर्मियों ने करीब डेढ़ सौ मरीजों की जान बचाई। हादसे को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कमिश्नर खुद मानिटिरिंग करते रहें और बताया कि किसी प्रकार की जन हानि नहीं हुई है। रावतपुर के जीटी रोड स्थित लक्ष्मीपति सिंघानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) हॉस्पिटल में रविवार की सुबह अचानक फर्स्ट फ्लोर पर आग लग गई। जिसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया और अफरा—तफरी का माहौल बन गया। आनन-फानन में अस्पताल प्रशासन ने भर्ती मरीजों को बाहर निकालते हुए दमकल विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंची दमकल की कई टीमों ने एक तरफ जहां आग को बुझाने के लिए पानी की बौछारें शुरु की तो वहीं लंबी सीढ़ियों के जरिये जान जोखिम में डालकर मरीजों को बाहर निकालने का प्रयास शुरु कर दिया। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया और करीब डेढ़ सौ मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। कानपुर परिक्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में आग लगने की खबर पर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण खुद मौके पर फौरन पहुंचे और दिशा निर्देश देते रहें। कमिश्नर ने बताया कि सबसे पहले ऊपर की मंजिल में फंसे 140 मरीजों को लंबी सीढ़ियों के जरिये खिड़कियों से सुरक्षित निकाला गया। नौ मरीज ऐसे रहे जो आईसीयू में थे उन मरीजों को किसी तरह से दूसरी जगह आईसीयू में शिफ्ट किया गया है। आग पर काबू पा लिया गया है अब पूरे अस्पताल को स्कैन किया जा रहा है। आग कैसे लगी और अस्पताल में आग सेफ्टी के क्या प्रबंध है, इन सभी बिन्दुओं की जांच की जा रही है। समय रहते पहुंची दमकल, बच गई मरीजों की जान कानपुर परिक्षेत्र के सबसे बड़े हृदय रोग अस्पताल में जिस तरह से आग लगी उससे वहां पर मरीज और तीमारदार घबरा गये। सभी को यह नहीं समझ आ रहा था कि हादसा किस कदर भयंकर होगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका क्योंकि दमकल की टीम समय पर पहुंच गयी और पुलिस कमिश्नर असीम अरुण खुद मानिटिरिंग की जिम्मेदारी संभाल ली। सैकड़ों में भर्ती मरीज व तीमारदारों का कहना था कि समय रहते दमकल न पहुंचती तो बहुत बड़ा हादसा हो जाता और बहुत से मरीजों की मौत भी हो सकती थी। रविवार के दिन होने से नहीं लगी ओपीडी हृदय रोग संस्थान में रोजाना ओपीडी में इतने अधिक मरीज आते हैं कि कानपुर परिक्षेत्र के शायद ही किसी अस्पताल में आते हों। ओपीडी का नजारा रोजाना किसी मेले से कम नहीं रहता और मरीज अपने नंबर के लिए सुबह से ही लाइन लगा लेते हैं। लेकिन रविवार होने के चलते आज ओपीडी नहीं रही इससे मरीजों व तीमारदारों की भीड़ भी कम रही। इससे भी दमकल टीम को रेस्क्यू करने में काफी मदद मिली। हिन्दुस्थान समाचार

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