कानपुर मुठभेड़ : शहीद आठ पुलिसकर्मियों में मथुरा का लाल भी
कानपुर मुठभेड़ : शहीद आठ पुलिसकर्मियों में मथुरा का लाल भी

कानपुर मुठभेड़ : शहीद आठ पुलिसकर्मियों में मथुरा का लाल भी

- परिवार में सबसे बड़े थे मिलनसार शहीद जितेन्द्र, नहीं हुई थी शादी - देर रात पहुंचेगा पार्थिव शरीर, गांव बरारी में होगा अंतिम संस्कार महेश कुमार मथुरा, 03 जुलाई (हि.स.)। कानपुर नगर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में बदमाशों के साथ हुई मुठभेड़ में मथुरा का लाल भी शहीद हो गया है। परिवारीजनों ने जब यह सूचना सुनी तो फौरन कानपुर के लिए रवाना हो गए। उनके पैतृक गांव बरारी में सन्नाटा पसरा हुआ है तथा उनके औरंगाबाद स्थित मकान पर लोगों का हुजूम लगा हुआ है। देर रात तक शहीद जितेन्द्र का पार्थिव शरीर मथुरा पहुंचेगा। पैतृक गांव बरारी में शहीद जितेन्द्र का अंतिम संस्कार होगा। गुरुवार की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसमें शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों में से एक सिपाही जितेंद्र मथुरा के रहने वाले थे। शुक्रवार की सुबह जब इनकी शहादत की खबर मिली तो परिवारों में कोहराम मच गया। शहीद सिपाहियों के गांवों में गम और गुस्से का माहौल है। मथुरा जिले के सिपाही जितेंद्र थाना रिफाइनरी के गांव बरारी के रहने वाले थे। उनके परिजन औरंगाबाद स्थित इंदिरा आवास कॉलोनी तंतुरा नवादा में रहते हैं। जितेंद्र 2015 बैच का सिपाही था, जितेंद्र के शहीद होने की खबर पूरे गांव में शुक्रवार टीवी के जरिए मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। 26 साल के जितेंद्र दो साल पहले ही पुलिस में भर्ती हुए थे। उनकी अभी शादी नहीं हुई थी। परिवार में उनके पिता तीर्थपाल सिंह, मां व भाई-बहन हैं। जितेंद्र का अंतिम संस्कार गांव बरारी में किया जाएगा। तीनों भाइयों में सबसे बड़ा था जितेंद्र सिपाही जितेंद्र के शहीद होने की सूचना परिवार में दी गई तो परिवार में दुखों का पहाड़ टूट गया। हर कोई परिजनों को सांत्वना देने के लिए पहुंच रहा है। परिवार में 70 वर्षीय पिता तीर्थपाल सिंह मजदूरी करते हैं। परिजनों ने बताया कि जितेंद्र तीन भाई थे। तीनों भाइयों में जितेंद्र सबसे बड़ा था. वहीं छोटे भाई सुरेंद्र और जिनेंद्र भी पुलिस की तैयारी कर रहे हैं। 22 मई को जितेंद्र छुट्टी पर आया था, 20 दिन की छुट्टी बिताने के बाद 16 जून को कानपुर ड्यूटी पर गया था। सुबह पिता को फोन पर बेटे वे बलिदान की जानकारी मिली। दो बेटों के तीर्थपाल कानपुर रवाना हो गए लेकिन मां रानी को केवल जितेंद्र के घायल होने की जानकारी दी। संभवतः देररात तक मथुरा में शहीर जितेन्द्र का पार्थिक शरीर पहुंच जाएगा। राहुल पड़ोसी ने बताया कि जितेंद्र भैया छुट्टियों में आकर यहां सभी लोगों से मिलते थे, 22 मई को मथुरा आए थे। आज सुबह मालूम हुआ कि पुलिस और बदमाशों में हुई मुठभेड़ में जितेंद्र शहीद हो गए। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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