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कैलाश खेर ऋषिकेश में गाते थे गंगा आरती

मुंबई, 1 सितंबर (आईएएनएस)। अल्ला के बंदे के गायक कैलाश खेर ने गायक बनने से पहले काफी संघर्ष किया है। गायक ने जियोसावन पॉडकास्ट के नवीनतम एपिसोड में अपने संघर्षो के बारे में कुछ प्रकाश डाला है। उन्होंने साझा किया, जब मेरा व्यवसाय ध्वस्त हो गया, तो मैं बहुत तनाव में था। मैं ऋषिकेश के एक आश्रम में गया था, जहां अपने शुरुआती दिनों में रहा करता था। शाम को मैं घाट (तट) पर जाता था, जहां गंगा की आरती होती थी। आरती के लिए भीड़ इकट्ठा होने तक मैं वहां लोकगीत गाता था और उसके बाद गंगा आरती गाता था। उन्होंने आगे कहा, वहां के साधु-संत मेरे गीतों पर नृत्य करने लगते थे। उस समय मुझे विश्वास हो गया था कि जो संत किसी से प्रभावित नहीं होते हैं, अगर वे मेरे गीतों से प्रभावित हो रहे हैं तो इसका मतलब है कि मेरे गीतों में कुछ है जरूर। उन्होंने कहा, जितने लोग मुझे डिमोटिवेट या डिमोरेट करते हैं, मैं उस तरह के गाने गाता रहूंगा, जो मैं गाता हूं। पद्मश्री पुरस्कार विजेता ने सेक्रेड ईविल, संगिनी, देसी कट्टे जैसी कई फिल्मों के लिए संगीत दिया है। उन्होंने चांदनी चौक तो चीन, दसविदानिया, काल और ट्रैफिक सिग्नल जैसी फिल्मों के लिए गीत भी लिखे हैं। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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