justice-puligoru-venkat-appointed-as-chief-justice-of-manipur-high-court
justice-puligoru-venkat-appointed-as-chief-justice-of-manipur-high-court

न्यायमूर्ति पुलिगोरू वेंकट मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्‍त

नई दिल्ली, 13 फरवरी (हि.स.)। न्यायमूर्ति पुलिगोरू वेंकट संजय कुमार को मणिपुर हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति पुष्पा वीरेंद्र गनेदीवाला को बॉम्बे हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। विधि एवं न्याय मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 217 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति पुलिगोरू वेंकट संजय कुमार को मणिपुर उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। इसके अलावा राष्ट्रपति ने पुष्पा वीरेंद्र गनेदीवाला को 13 फरवरी से प्रभावी, एक वर्ष की अवधि के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया है। इस संबंध में विधि और न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग द्वारा शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी की गई। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति पुलिगोरू वेंकट संजय कुमार का अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण 25 अगस्त, 1988 को हुआ था और उन्हें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में सिविल, संवैधानिक और सेवा से सम्बंधित मामलों में वकालत का अनुभव है। उन्हें 8 अगस्त, 2008 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में और 20 जनवरी, 2010 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 14 अक्टूबर, 2019 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया था। न्यायमूर्ति पुष्पा वीरेंद्र गनेदीवाला, 26 अक्टूबर, 2007 को जिला न्यायाधीश के रूप में न्यायिक सेवा में शामिल हुईं और उन्होंने महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न अदालतों में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य किया है। उन्होंने महाराष्ट्र न्यायिक अकादमी तथा भारतीय मध्यस्थता केंद्र और प्रशिक्षण संस्थान, उत्तान में संयुक्त निदेशक के रूप में तथा बॉम्बे उच्च न्यायालय में रजिस्ट्रार (सतर्कता) एवं रजिस्ट्रार जनरल के रूप में भी कार्य किया है। उन्हें 13 फरवरी, 2019 से प्रभावी दो साल की अवधि के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in