जिंदल इंस्टीट्यूट ने फ्लैगशिप कार्यक्रमों के तहत 1 लाख से ज्यादा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया
नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस)। जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) द्वारा पेश किए गए विभिन्न प्रो-फ्री प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत एक लाख से अधिक प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया है। इनमें शिक्षक, छात्र, कॉपोर्रेट पेशेवर और सरकारी अधिकारी शामिल हैं। 2014 में अपनी स्थापना के बाद से, जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) ने दुनिया भर में सैकड़ों शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (टीटीपी), परामर्श सत्र, पेरेंटिंग सेमिनार और व्यावसायिक विकास कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिनका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाने और ज्ञान और समझ को मजबूत करना है। जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) के प्रधान निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) संजीव पी. साहनी ने कहा कि संस्थान व्यवहार संबंधी मुद्दों से उत्पन्न शैक्षणिक, सामाजिक और व्यावसायिक बाधाओं के लिए अभिनव समाधान खोजने के लिए प्रयास करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा,सात साल पहले जब हमने संस्थान शुरू किया था, तो हमें नहीं पता था कि राष्ट्रीय और अंतरोष्ट्रीय स्तर पर हमारी इतनी पहुंच होगी। हमने न केवल शिक्षकों, छात्रों और पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है, बल्कि हमारे आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न सामाजिक मुद्दों को हल करने में भी सबसे आगे रहे हैं। दुनिया के अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों में कोरोनावायरस महामारी की वजह से प्रतिबंधित लर्निग एक्सचेंज के आदान-प्रदान के बाद, जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) ने आभासी माध्यम के माध्यम से प्रशिक्षण देना जारी रखा, जो ज्यादातर मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक कल्याण और तनाव प्रबंधन पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, कोविड का प्रकोप पल भर में एक बाधा बन गया, लेकिन हम अपने हितधारकों को प्रशिक्षण देने के लिए जल्दी से ऑनलाइन माध्यम में स्थानांतरित हो गए। हमारे ऑनलाइन सत्रों का प्राथमिक ध्यान महामारी से जुड़े तनाव को अधिक प्रभावी ढंग से और तेजी से कम करना रहा है। कोरोनावायरस महामारी के दौरान जेआईबीएस द्वारा आयोजित ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्रों में ज्यादातर चिंता विकारों, अवसाद और संबंधित विकारों के मनोवैज्ञानिक उपचार पर ध्यान दिया गया। कार्यक्रमों को विभिन्न साइकोमेट्रिक परीक्षणों और उपकरणों के आधार पर डिजाइन किया गया है, जिनका उपयोग मूल्यांकन परिणामों के आधार पर हस्तक्षेपों को सु²ढ़ करने के लिए, विकास को अनुकूलित करने के लिए ताकत और कमजोरियों को समझने के लिए किया जा सकता है। यह उल्लेख करना उचित है कि जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) ओपी जिंदल ग्लोबल का एक मूल्य-आधारित शोध संस्थान है और संयुक्त राष्ट्र पर अकादमिक परिषद का सदस्य है। --आईएएनएस आरएचए/आरजेएस