जमीयत उलमा-ए-हिन्द अध्यक्ष मदनी ने गांव बागोवाली में 66 मकानों की चाबियां दंगा पीड़ितों को सौंपी

jamiat-ulama-e-hind-president-madani-handed-over-the-keys-of-66-houses-to-the-riot-victims-in-village-bagowali
jamiat-ulama-e-hind-president-madani-handed-over-the-keys-of-66-houses-to-the-riot-victims-in-village-bagowali

नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। मुजफ्फरनगर 2013 के दंगा पीड़ितों में उस व़क्त खुशी देखने को मिली जब विस्थापितों को जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलना सय्यद अरशद मदनी ने बुधवार को मकानों की चाबियां सौंपी। अध्यक्ष मदनी ने गांव बागोवाली में नवनिर्मित जमीयत कालोनी में 66 मकानों की चाबीयां वर्ष 2013 के विस्थापितों को सौंपी इस दौरान मौलाना सय्यद अरशद मदनी ने कहा की, हमारे पूर्वजों ने इस देश की खातिर बड़ी कुर्बानियां दी हैं जिसको इतिहास कभी भुला नहीं सकता। मौलाना मदनी ने कहा की, हम तो डटकर साम्प्रदायिकता का विरोध करते हैं और साम्प्रदायिकता को देश के लिए नुकसानदेह समझते हैं, वहीं हमारे देश में नफरत की आवाज मुंह उठा रही है जोकि देश की खुशहाली व उन्नति के लिए खतरा है। मौलाना मदनी के मुताबिक, अब तक पचासों हजार से अधिक सांप्रदायिक दंगे देश में हो चुके हैं, असम के नीली से लेकर मुंबई के 1993 और गुजरात के 2002 के भयानक दंगों तक अत्याचार की न जाने कितनी कहानियां बिखरी पड़ी हैं। इन दंगों में मुसलमानों के जो जान-माल का नुक़्सान हुआ उसका अनुमान लगाया जाना भी संभव नहीं है, दुखद पहलू यह है कि दंगे की किसी एक घटना में भी कानून और न्याय की आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया गया। किसी दोषी को सजा नहीं दी गई। यही कारण है कि समय बीतने के साथ साथ सांप्रदायिक शक्तियों का मनोबल भी बढ़ता गया। मुजफ्फरनगर के हवाले से मौलाना मदनी ने कहा की, यहां कभी कोई दंगा नहीं हुआ था लेकिन सन 2013 के दंगे से यहां भी हजारों लोग बेघर हो गये जिन्होंने अपने घरों को खौफ से छोड़ दिया था जमीयत उलमा हिन्द ने मुजफ्फरनगर दंगा पीडितों को जिले भर में बसाने के उनको 466 मकान दिए। --आईएएनएस एमएसके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in