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जामिया: स्मार्ट ग्रिड में ऊर्जा प्रबंधन प्रणालियों की भूमिका पर प्रशिक्षण

नई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)। जामिया मिलिया इस्लामिया के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग ने स्मार्ट ग्रिड में ऊर्जा प्रबंधन प्रणालियों की भूमिका पर एक सप्ताह के लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम (एसटीटीपी) का आयोजन किया। ऑनलाइन मोड में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एसटीटीपी भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा प्रायोजित था। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता जामिया की कुलपति प्रो.नजमा अख्तर ने की, जबकि राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) के अध्यक्ष और गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति विशिष्ट अतिथि थे। एसटीटीपी के समन्वयक प्रोफेसर इकबाल अली ने लगभग 2 करोड़ रुपये के डीएसटी एफआईएसटी परियोजना अनुदान का उपयोग करके विकसित किए गए स्मार्ट ग्रिड अनुसंधान बुनियादी ढांचे के बारे में बताया। प्रोफेसर अली ने अंतिम उपयोगकतार्ओं को विश्वसनीय, कुशल, सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाली बिजली वितरण सुनिश्चित करने में स्मार्ट ग्रिड में ऊर्जा प्रबंधन प्रणालियों के महत्व पर भी जोर दिया। जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने स्मार्ट गिड के इतने महत्वपूर्ण विषय पर एसटीटीपी के आयोजन और शिक्षण और अनुसंधान के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सराहना की। उन्होंने 2.5 मेगावाट क्षमता की रूफ-टॉप पीवी बिजली उत्पादन स्थापित करके स्थायी पर्यावरण की दिशा में जामिया द्वारा की गई पहलों का भी उल्लेख किया। उन्होंने देश भर के विभिन्न प्रीमियम तकनीकी संस्थानों के 135 इंजीनियरिंग शिक्षकों, अनुसंधान विद्वानों और उद्योग के पेशेवरों के साथ-साथ 22 वक्ताओं की विविध भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की। कुलपति का यह भी विचार था कि एक स्थायी समाधान विकसित करने के लिए स्मार्ट ग्रिड की जरूरत के समान अंत विषय ²ष्टिकोण को अपनाया जाना चाहिए। प्रोफेसर इब्राहिम, डीन, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय और एसटीटीपी के समन्वयक ने इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय की उल्लेखनीय विशेषताओं और उपलब्धियों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रोफेसर इब्राहीम ने एसटीटीपी पर अपनी टिप्पणी में स्मार्ट ग्रिड की ऊर्जा प्रबंधन प्रणालियों में स्वचालित उत्पादन नियंत्रण की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने अंतिम उपयोगकतार्ओं को बिजली की आपूर्ति की बेहतर गुणवत्ता, विश्वसनीयता और सुरक्षा के माध्यम से मानव आराम में वृद्धि के संदर्भ में स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकियों के कार्यान्वयन के सामाजिक प्रभाव पर जोर दिया। राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) के अध्यक्ष प्रोफेसर केके अग्रवाल ने स्मार्ट ग्रिड में ऊर्जा प्रबंधन प्रणालियों पर जोर देने पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि प्रबंधन चाहे स्मार्ट ग्रिड में ऊर्जा प्रबंधन हो या विश्वविद्यालय जैसी किसी भी प्रणाली का प्रबंधन एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। व्यक्ति को हमेशा सुखद विफलता के लिए तैयार रहना चाहिए। प्रोफेसर केके अग्रवाल ने अंत विषय ²ष्टिकोण के महत्व से भी अवगत कराया क्योंकि यह एक जटिल समस्या के आउट-ऑफ-द-बॉक्स समाधान के अवसर प्रदान कर सकता है। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम

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